डीएनए हिंदी: Deoria Murder Case Updates- उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक परिवार के 5 लोगों की हत्या ने पूरी सरकार को हिला दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस केस पर सीधी नजर रख रहे हैं. उन्होंने इस केस की जांच की गुरुवार को समीक्षा की, जिसमें स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही देखकर वे भड़क गए. मुख्यमंत्री ने कर्तव्यपालन में लापरवाही बरतने के लिए एक साथ 15 अधिकारियों व कर्मचारियों में कुछ को सस्पेंड कर दिया है, जबकि अन्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सस्पेंड किए गए अधिकारियों में स्थानीय एसडीएम, 1 पुलिस सीओ, एक थाना प्रभारी, दो तहसीलदार, तीन लेखपाल, 1 हेड कांस्टेबल, 4 कांस्टेबल और 2 हल्का प्रभारी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने इस केस में कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और साथ ही कहा है कि आरोपियों में कोई भी शामिल हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा.
क्या है देवरिया मर्डर केस, जिसने हिला रखा है प्रदेश
देवरिया जिले के फतेहपुर गांव के टोला लेहड़ा में 2 अक्टूबर को प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई थी. रुद्रपुर थाना क्षेत्र के इस गांव में हत्या का आरोप घटनास्थल के करीब रहने वाले सत्य प्रकाश दुबे के परिवार पर आया था, जिनके साथ प्रेमचंद के परिवार का जमीन का विवाद चल रहा था. प्रेमचंद यादव के समर्थकों ने सत्य प्रकाश के घर पर हमला कर दिया था. इस दौरान घर के अंदर मौजूद सभी 6 लोगों पर जानलेवा हमला किया गया. हमलावरों ने सत्य प्रकाश दुबे, उनकी पत्नी, दो बेटी और एक बेटा समेत पांच सदस्यों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिला रखा है. विपक्षी दल इसे लेकर कानून व्यवस्था का सवाल उठा रहे हैं.
सीएम ने मौके पर भेजी थी प्रमुख सचिव और स्पेशल डीजी की टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया था. उन्होंने मौके पर जाकर जांच करने के बाद रिपोर्ट देने के लिए लखनऊ से प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और स्पेशल डीजी पुलिस प्रशांत कुमार की टीम को भेजा था. इनकी रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि हर दोषी पर कार्रवाई होगी और किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.
सत्य प्रकाश दुबे ने की थी IGRS पर अवैध कब्जों की शिकायत
जांच में सामने आया कि मृतक सत्यप्रकाश दुबे ने कई बार IGRS पर ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत ऑनलाइन की थी. ये शिकायत पुलिस और प्रशासन, दोनों को भेजी गई थीं, लेकिन इनमें कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. मुख्यमंत्री ने इसे कर्तव्यपालन में घोर लापरवाही करार दिया है.
इनके खिलाफ की है मुख्यमंत्री ने कार्रवाई
- मौजूदा SDM योगेश कुमार गौड़ और सीओ पुलिस रुद्रपुर जिलाजीत का तत्काल निलंबन.
- SDM पद पर तैनात रहे राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला और संजीव कुमार उपाध्याय के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई.
- सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम और सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक रामानन्द पाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई.
- मौजूदा निलंबित तहसीलदार अभय राज के खिलाफ इस मामले में अतिरिक्त चार्जशीट जारी की जाए.
- तत्कालीन तहसीलदार रामाश्रय (फिलहाल तहसीलदार जनपद बलरामपुर) को निलंबित करने और विभागीय कार्रवाई.
- तहसीलदार रूद्रपुर केशव कुमार को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए.
- विशाल नाथ यादव (राजस्व निरीक्षक), राजनन्दनी यादव (क्षेत्रीय लेखपाल), अखिलेश (लेखपाल) को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाए.
- हेड कॉन्स्टेबल राजेश प्रताप सिंह, कॉन्स्टेबल अवनीश चौहान, हल्का प्रभारी/उपनिरीक्षक जय प्रकाश दुबे व प्रभारी निरीक्षक नवीन कुमार सिंह को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए.
- IGRS संदर्भों के निस्तारण में लापरवाही के जिम्मेदार कॉन्सटेबल कैलाश पटेल, कॉन्स्टेबल राम प्रताप कन्नौजिया, सुभाष यादव एवं उपनिरीक्षक सुनील कुमार (पूर्व प्रभारी निरीक्षक, रूद्रपुर) को निलंबित किया जाए
- तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी, रूद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए.
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