Delhi Weather Updates: दिल्ली और उससे सटे इलाकों में शुक्रवार को सुबह से लेकर शाम तक पूरा दिन बारिश हुई है. इसके चलते आसमान पूरा दिन काले बादलों से ढका रहा. यहां तक कि वाहनों को दिन में भी लाइट जलाकर चलना पड़ा है. कई इलाकों में बारिश के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई है. इसके चलते तापमान में एकदम तेजी से गिरावट आई है. शुक्रवार शाम तक राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतम तापमान में करीब 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ चुकी है, जिससे पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को अचानक तीखी ठंड ने जकड़ लिया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन दिन भी दिल्ली-NCR समेत समूचे उत्तर भारत में बारिश व ओलावृष्टि के साथ ही ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी कीा अलर्ट जारी किया है. इसके बाद ठंड का कहर और ज्यादा बढ़ने के आसार हैं.
दिल्ली-NCR में अगले दो दिन बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने अफने ताजा बुलेटिन में कहा है कि समूचा मध्य व उत्तर पश्चिम भारत पश्चिम विक्षोभ के चपेट में आ गया है. पश्चिमी विक्षोभ का पूर्वी हवाओं से संपर्क होने के कारण कई जगह भारी बारिश हुई है. यह स्थिति तीन दिन तक बनी रहेगी. इस दौरान दिल्ली, दक्षिण-पूर्वी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिमी मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ में मध्यम से भारी बारिश, आंधी-बिजली व ओलावृष्टि देखने को मिलेगी. दिल्ली-NCR में शनिवार और रविवार को बारिश का येलो अलर्ट IMD ने जारी किया है.
कई इलाकों में छाएगा कोहरा, शनिवार से चलेगी शीतलहर
IMD का अनुमान है कि मौसम में गर्म हवाओं के बीच अचानक बारिश की ठंडी फुहारों के चलते अधिकतम तापमान में दो से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. हालांकि न्यूनतम तापमान में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है. इसके चलते दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रह सकता है. हालांकि 28 दिसंबर यानी शनिवार से हिमाचल-उत्तराखंड में भारी शीतलहर चलने की चेतावनी दी गई है, जिसका असर दिल्ली-NCR में तापमान में गिरावट के तौर पर दिख सकता है.
क्यों हो रही है सर्दी में इतनी बारिश?
सर्दी के मौसम में बहुत ज्यादा बारिश नहीं होती है. यहां तक कि पूरा दिन बारिश की बूंदों की झड़ी लगे रहने का नजारा बिल्कुल नहीं दिखता है. ऐसे में इस बार की बारिश सभी को चौंका रही है. दरअसल यह बारिश भूमध्य सागर में कम दबाव वाला क्षेत्र बनने के कारण हो रही है, जो इस मौसम में वातावरण में पश्चिमी विक्षोभ पैदा होने कर रहा है. इसमें हवाएं उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए वायुमंडल में बारिश और बर्फबारी की परिस्थिति पैदा करती हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस साल यह असर कुछ ज्यादा बढ़ा है. इस कारण ही बारिश भी ज्यादा हो रही है. सर्दी में होने वाली इस बारिश को गेहूं, सरसों आदि की रबी की फसलों के लिए जरूरी माना जाता है, जिससे खेत की मिट्टी में जरूरी पोषक तत्व घुलकर पहुंचते हैं. हालांकि जरूरत से ज्यादा बारिश होने पर खेतों में नमी ज्यादा हो जाती है, जो फसल को नुकसान पहुंचा सकती है.
इस बारिश का सर्दी पर कितना असर होगा?
नवंबर से जनवरी तक हिमालयी के ऊंचे पहाड़ों से ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों की तरफ चलती हैं. इसके कारण ही उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंड का कहर होता है. अमूमन सर्दी में मौसम में सूखापन रहता है, लेकिन यदि इस दौरान बारिश होती है तो हवा में नमी बढ़ जाती है. इसके चलते ठंड का कहर और ज्यादा बढ़ जाता है. इसी कारण बारिश होने पर ठंड से बचाव के उपाय किए जाते हैं. इस बार ज्यादा बारिश हो रही है तो मौसम में नमी और ज्यादा रहेगी, जिससे ठंड का असर और भी कई गुना ज्यादा हो जाता है.
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दिल्ली-NCR में पूरा दिन बरसा पानी, जानें इससे कितनी बढ़ जाएगी ठंड?