डीएनए हिंदी: 17 फरवरी से कॉलेज खुलने की खबर स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए एक नई खुशी की लहर लेकर आई है. करीब दो साल से मोबाइल और लैपटॉप के आगे बैठकर क्लास लेने वाले स्टूडेंट्स क्लास में जाकर दोस्तों के साथ बैठकर क्लास लेने के ख्याल से बेहद एक्साइटेड हैं. इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा है. एडमिशन भी Covid काल में हुआ और अब तक क्लास भी ऐसे ही चल रही थी. कुछ ऐसे हैं जो एक साल कॉलेज गए लेकिन उसके बाद उन्हें मौका नहीं मिला. ऐसे में यह खबर सभी के लिए ताजा हवा की तरह आई है.

शिवाजी कॉलेज में इकोनॉमिक ऑनर्स के स्टूडेंट निपुण शर्मा कहते हैं, कॉलेज खुल रहे हैं. इस खबर का मुझे बेसब्री से इंतजार था.
स्कूल लाइफ के बाद कॉलेज लाइफ का अपना अलग ही मजा होता है लेकिन जब से मेरा एडमिशन हुआ, तब से कॉलेज बंद ही हैं.
इतने दिन लगातार घर में रहकर बहुत बोरियत हो जाती है. ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ाई का वो मजा नहीं जो फेस-टू-फेस में है. अब कॉलेज खुल रहे हैं तो देखते हैं कि कितनी आकांक्षाएं पूरी हो पाती हैं.

College reopening

अदिति महाविद्यालय के हिंदी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशा कहती हैं, मैं कॉलेज खुलने से बहुत खुश हूं. कोरोना महामारी से उपजी विशिष्ट परिस्थितियों में दो साल से घर से ही ऑनलाइन क्लास ले रहे थे. ऑनलाइन पढ़ाई कभी भी क्लास रूम टीचिंग का विकल्प नहीं हो सकती. विद्यार्थियों के प्रफुल्लित चेहरे देखे बिना शिक्षण भी उबाऊ-सा लग रहा था. उम्मीद है वासंती ऋतु के साथ कॉलेजों का खुलना अध्ययन-अध्यापन को ताजगी से भर देगा.

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राजधानी कॉलेज के हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजीव रंजन गिरि ने कहा, पूरी दुनिया में कोविड के कारण जिस तरह का संकट आया था उसमें ऑनलाइन पढ़ाई ही विकल्प के तौर पर मुमकिन थी लेकिन यह 'क्लास रूम' पढ़ाई की जगह नहीं ले सकती. ऑनलाइन अध्ययन - अध्यापन को मजबूरी में उठाया गया कदम ही समझना चाहिए. संसाधन के स्तर पर  गैरबराबरी और समाज में मौजूद वर्चस्वकारी संरचना का असर भी ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान सीधे-सीधे दिखता है. जब स्थितियां अनुकूल होने लगी हैं तो सावधानी बरतते हुए कॉलेज आकर पढ़ाई की घोषणा को शुभ समाचार के तौर पर लिया जाना चाहिए. इससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा. करीब दो साल बाद फिर कॉलेज कैंपस गुलजार होगा. सिलेबस की पढ़ाई के साथ अन्य तमाम गतिविधियां आरंभ होंगी जो कॉलेज की पढ़ाई के अनिवार्य अंग हैं और विद्यार्थियों के भावी जीवन और समाज-राष्ट्र की उन्नति के लिए अपरिहार्य भी.

DU Reopening

अदिति महाविद्यालय की बीए ऑनर्स, हिंदी पत्रकारिता की स्टूडेंट जिया कौशिक ने कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय में जाना हर स्टूडेंट का सपना होता है. मेरा भी सपना था कि मैं कॉलेज जाऊं पर कोरोना के कारण अबतक यह संभव नहीं हो पाया. सब कुछ बस एक स्मार्ट फोन में सिमट कर रह गया. पढ़ाई तो जैसे तैसे एक फॉर्मैलिटी हो. पर अब जैसे कि महामारी का ग्राफ गिरने लगा है. सभी कॉलेज खोले जा रहे हैं, खुश तो बहुत हूं मैं आखिरकार अपने कॉलेज जाउंगी. अपने साथियों और टीचर्स से मिलूंगी, बस इन सब में एक चीज का ध्यान रखूंगी कि कॉलेज की जो भी गाइड लाइन होगी उसका पालन करूं.

Jiya kaushik

 

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Delhi University college reopen students are very excited to attend college after two years
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Delhi University: एडमिशन भी ऑनलाइन हुआ और पढ़ाई भी, अब ले पाएंगे कॉलेज की फीलिंग
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Delhi University: 'एडमिशन भी ऑनलाइन हुआ और पढ़ाई भी, अब आएगी कॉलेज वाली फीलिंग'