Delhi Rain Water Crisis Updates: देश की राजधानी दिल्ली के पानी में डूब जाने की खबरें पिछले साल विदेशी मीडिया तक में सुर्खियां बनी थीं. इस साल भी मानसून की पहली बारिश में ही राष्ट्रीय राजधानी झीलों का शहर बन चुकी है, जिसमें कई जगह पानी दो दिन बाद भी नहीं निकला है. हर साल राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक की तरफ से दिल्ली की जनता को इस समस्या से निजात दिलाने का वादा किया जाता है, लेकिन मुसीबत वहीं की वहीं खड़ी है. अब सामने आया है कि दिल्लीवासियों को एक और साल तक 'जल प्रलय' से जूझना होगा. दरअसल मानसूनी बारिश के कारण दिल्ली में जगह-जगह हुए जलजमाव के बाद हुई बैठक में यह बात सामने आई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से बुलाई बैठक में दिल्ली की AAP सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी का मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने के लिए एक और साल मांगा है. राज्य सरकार ने केंद्र से कहा है कि इस प्लान को तैयार करने का टेंडर जारी हो चुका है, जो मार्च, 2025 तक तैयार होगा. ऐसे में यह तय है कि दिल्ली में सड़कों पर नाव चलाने की नौबत अगले साल भी आ सकती है.

48 साल में राजधानी की आबादी 5 गुना बढ़ी, ड्रेनेज सिस्टम वही रहा

दरअसल राजधानी में मौजूदा ड्रेनेज सिस्टम 48 साल पहले 1976 में महज 60 लाख लोगों की आबादी के लिए तैयार किया गया था. अब राजधानी की आबादी 3 करोड़ हो चुकी है यानी 5 गुना ज्यादा आबादी के लिए भी पुराना ड्रेनेज सिस्टम ही काम कर रहा है. इस दौरान दिल्ली का भौगोलिक एरिया भी ज्यादा सघन वाली आबादी का हो गया है. इस बढ़ती आबादी का बोझ मौजूदा ड्रेनेज सिस्टम नहीं उठा पा रहा है.

2011 में शुरू हुई थी कवायद, अब तक सब हवाहवाई

दिल्ली में जलभराव की समस्या विकास की होड़ में छोटे-छोटे नालों व तालाबों को पाटने से पैदा हुई है. इनके ऊपर मकान और सड़कें बनाने से राजधानी में पानी की निकासी प्रभावित हुई है. हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव की समस्या खत्म करने के लिए साल 2011 में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार ने मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने की कवायद शुरू की थी. 13 साल बीतने के बावजूद यह कवायद कागजों में ही चल रही है. इसके चलते ड्रेनेज व्यवस्था पूरी तरह ठप है और सड़कों का पानी वहीं भरा रहता है.

केजरीवाल सरकार ने क्या किया है ड्रेनेज प्लान पर

शीला दीक्षित की सरकार ने 2011 में IIT Delhi को मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जो IIT ने 7 साल बाद जुलाई, 2018 में अरविंद केजरीवाल सरकार के पास सबमिट की. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इसके आधार पर अगस्त- 2018 में दिल्ली के सभी विभागों को जल भराव के कारण बताते हुए मास्टर ड्रेनेज प्लान लागू करने का निर्देश दिया. मई, 2019 में साल 2011 में बनी तकनीकी विशेषज्ञ समिति ने केजरीवाल के आदेश में बताए प्लान को नाकाफी बताया. इसके बाद 5 अगस्त, 2021 को तकनीकी विशेषज्ञ समिति ने मास्टर ड्रेनेज प्लान ही खारिज कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने नए सिरे से मास्टर ड्रेनेज प्लान बनाने का निर्देश दिया था, जो अब तक नहीं बन पाया है.

गृह मंत्रालय को दी है आप सरकार ने ये जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में AAP सरकार की तरफ से पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने नए मास्टर ड्रेनेज प्लान पर काम चलने की जानकारी दी है. यह ड्रेनेज प्लान ट्रांस यमुना बेसिन, बारापुला नाला और नजफगढ़ ड्रेन बेसिन के तीन इलाकों में काम करेगा, जिसके दायरे में 200 से ज्यादा नाले आते हैं. इनमें नजफगढ़ ड्रेन के इलाके में 123 नाले, बारापुला इलाके में 44 नाले और ट्रांस यमुना बेसिन मे 34 नाले आते हैं. अधिकारियों के मुताबिक, यह प्लान अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएगा. इसके बाद जलभराव की समस्या दूर हो जाएगी.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
Delhi Rain Water Crisis delhi master drainage plan arvind kejriwal aap govt modi sarkar home ministry
Short Title
Delhi में एक साल और मचेगी 'जल प्रलय', जानें AAP सरकार ने केंद्र को क्या कहा
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Delhi rain
Date updated
Date published
Home Title

Delhi में एक साल और मचेगी 'जल प्रलय', जानें AAP सरकार ने केंद्र को क्या कहा

Word Count
676
Author Type
Author
SNIPS Summary
Delhi में पहले वाटर सप्लाई की समस्या पैदा हुई और अब मानसून की पहली बारिश में ही जल भराव का संकट सामने आ गया है. पहली बारिश में ही झीलों का शहर बनी दिल्ली में अभी एक साल और यह समस्या परेशान करने वाली है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की AAP सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में राजधानी के मास्टर ड्रेनेज प्लान पर ताजा अप़डेट जारी किया है.