डीएनए हिंदी: लोगों की पैसे की जरूरत का फायदा उठाने वाले ऑनलाइन जालसाज सक्रिय हो रहे हैं. ये जालसाज पहले लोगों को पैसे की जरूरत पर लोन देते हैं और चुकाने के बावजूद उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया है. आईएफएसओ यूनिट ने दिल्ली, जोधपुर राजस्थान, गुरुग्राम हरियाणा और देश के अन्य हिस्सों से कर्ज देने के नाम पर निर्दोष लोगों से पैसे वसूलने और उन्हें धमकी देने के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी (IFSO) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि इस मामले में चीन के जरिए अंतरराष्ट्रीय जालसाजों और जबरन वसूली करने वालों के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया है. Cryptocurrency के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का यह खेल खेला जा रहा था. डीसीपी ने कहा कि विभिन्न देशों से संचालित 3 चीनी नागरिकों की पहचान सामने आई है.
IFSO Unit of Delhi Police Special Cell has arrested 8 persons so far from Delhi, Jodhpur Rajasthan, Gurugram Haryana and other parts of the country for allegedly extorting money from innocent people in the name of providing loans and also threatening them: DCP(IFSO) KPS Malhotra
— ANI (@ANI) April 3, 2022
क्या है पूरा मामला?
आरोपी कथित तौर पर कर्ज देने और फिर इसे वसूलने के नाम पर बेगुनाहों से जबरन वसूली और गाली-गलौज करते थे. मामले की पूरी जानकारी साझा करते हुए डीसीपी ने कहा कि एक महिला ने विशेष प्रकोष्ठ की आईएफएसओ इकाई में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार कर धमकी दी जा रही है. उसके परिवार, दोस्तों को सोशल मीडिया के जरिए उसकी मॉर्फ्ड और अश्लील तस्वीरें भी भेजी जा रही हैं.
Danakredit से लिया था लोन
शिकायतकर्ता ने एक लोन एप Danakredit से लोन लिया था. उसने उसे समय पर चुका दिया लेकिन राशि का भुगतान करने के बावजूद उसे कर्मचारियों से वॉट्सएप पर धमकी भरे कॉल और मैसेज मिलने लगे. यह भी सामने आया कि घोटालेबाज 'वरिष्ठ पुलिस अधिकारी' की प्रोफाइल पिक्चर का उपयोग कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने स्पेशल सेल धारा 354A, 509, 384, 385, 419, 420 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.
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जांच के दौरान पाया गया कि पैसा एक करंट अकाउंट में ट्रांसफर किया जा रहा था जो बालाजी टेक्नोलॉजी के नाम पर खोला गया था. आगे यह पाया गया कि मोटरसाइकिल मरम्मत की एक दुकान पर बालाजी टेक्नोलॉजी के नाम का इस्तेमाल किया गया था. खाते का मालिक दिल्ली के राजीव नगर निवासी रोहित कुमार के नाम से पता चला. कथित खाते में लगभग 8.45 करोड़ रुपये केवल 15 दिनों में जमा किए गए थे और उसी को अन्य खातों में एक साथ ट्रांसफर कर दिया गया.
इसके बाद पुलिस ने 13 मार्च को दिल्ली के पीतमपुरा और रोहिणी में छापेमारी की जहां से आरोपी व्यक्तियों, रोहित कुमार, विविध कुमार, पुनीत और मनीष को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर और उपकरण भी बरामद किए गए. इसके अलावा गिरफ्तार आरोपियों के कहने पर पुनीत कुमार, उनकी पत्नी दिव्या को भी गिरफ्तार किया गया. बाद में अगले दिन 14 मार्च को राजस्थान के जोधपुर से आरोपी कृष्ण उर्फ रविशंकर को गिरफ्तार कर लिया गया.
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क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन भेजा जा रहा पैसा
डीसीपी मल्होत्रा ने कहा, रविशंकर ही भारत में इसका मास्टरमाइंड है. जांच में यह भी पता चला कि ठगी गई राशियों को आरोपी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन भेजा जा रहा है. तीन चीनी नागरिकों के क्रिप्टो खातों की पहचान की गई है जहां धोखाधड़ी की राशि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भेजी गई थी. आगे की जांच के दौरान हरियाणा के गुरुग्राम में एक और छापेमारी की गई और एक आरोपी सुमित को गिरफ्तार किया गया, जो वॉट्सएप नंबर के माध्यम से पीड़ितों को कॉल करता था. उसकी गिरफ्तारी के बाद फर्जी कॉल सेंटर के टीम लीडर कार्तिक पांचाल उर्फ दीपक को गिरफ्तार किया गया. जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर रहे थे.
इस तरह फंसाते थे जाल में
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि अगर कोई जरूरतमंद लोन की डिमांड करता तो उसे एप को डाउनलोड करनी होती. डाउनलोड करते समय एप लोन लेने वाले के फोन के कॉन्टेक्ट्स, फोटो गैलरी और अन्य निजी डेटा को कैप्चर करने की अनुमति मांगता.
जैसे ही अनुमति दी जाती उसका सारा डेटा चीनी सर्वरों में ट्रांसफर हो जाता. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद जालसाज कर्ज लेने वाले के खाते में मनी ट्रांसफर कर देते. एक टीम ऐसे लोगों को ट्रैक करती थी और दूसरी टीम लोन चाहने वालों और उनके सहयोगियों जैसे रिश्तेदार मित्रों आदि को अलग-अलग मोबाइल नंबरों के माध्यम से ऋण लेने वाले से पैसे वापस करने के लिए कॉल करती. पैसे वापस करने के बाद भी कथित आरोपी लोन लेने वाले लोगों से उगाही करना शुरू कर देते.
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यहां तक कि वह फोन न उठाने पर रिश्तेदारों को फोन और मैसेज करना शुरू कर देते. वे अश्लील तस्वीरें भी भेज देते. बैंक में रंगदारी की रकम मिलने के बाद आरोपी क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील कर चीन, हांगकांग, दुबई और नेपाल में बैठे अपने आकाओं को पैसे ट्रांसफर कर देते. गिरोह के सभी सदस्यों को उनकी भूमिका और उनके प्रदर्शन के अनुसार उनका हिस्सा मिल रहा था. डीसीपी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और सिंडिकेट के और भी पीड़ितों और अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है.
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एप से लोन दिलाने के नाम पर चीन से चल रहे नेटवर्क का भंडाफोड़