Delhi Liquor Sell Updates: दिल्ली वाले 'सेहत' बनाने वाले दूध के बजाय 'झूमने' पर मजबूर करने वाली शराब पर ज्यादा पैसा खर्च करते हैं. यह जानकारी दिल्ली सरकार के उन आंकड़ों से सामने आई है, जो उसने दिल्ली विधानसभा में एक सवाल के जवाब में पेश किए हैं. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Delhi CM Rekha Gupta) की सरकार ने विधानसभा में बताया है कि साल 2024-25 के दौरान उसे जहां शराब की बिक्री से 5,000 करोड़ रुपये की रकम टैक्स के तौर पर मिली है, वहीं दूध की बिक्री से महज 210 करोड़ रुपये की रकम आई है.
भाजपा विधायक ने पूछा था विधानसभा में सवाल
विधानसभा में भाजपा विधायक अभय वर्मा ने सरकार से वित्त वर्ष 2024-25 में दूध और शराब से हुई बिक्री से मिले राजस्व की जानकारी मांगी थी. दिल्ली सरकार ने जवाब में बताया कि 2024-25 के दौरान फरवरी महीने के अंत तक सरकार को शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और VAT (Value Added Tax) के जरिये 5,068.92 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ था. इसके उलट इसी दौरान दूध और उससे बने उत्पादों की बिक्री पर लगने वाले GST से उसे 209.9 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है.
AAP से जुड़े कथित शराब नीति घोटाले की चल रही जांच
विधानसभा में भाजपा विधायक ने यह सवाल उस समय पूछा है, जब BJP लगातार कथित शराब नीति घोटाले (Delhi Liquor Policy Scam) को लेकर सत्ता से बाहर हुई आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) पर लगातार हमलावर है. इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) समेत कई आप नेताओं को जेल जाना पड़ा था. माना जा रहा है कि पिछले महीने दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम AAP के विपरीत आने में इस घोटाले ने बड़ी भूमिका निभाई है.
रोजाना 6 लाख लीटर शराब पी जाते हैं दिल्ली वाले
सरकार की तरफ से पेश शराब बिक्री के आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली वाले रोजाना औसतन 6 लाख लीटर शराब पी जाते हैं. साल 2023-24 में दिल्ली में 21.27 करोड़ लीटर शराब बिकी थी यानी रोजाना औसतन 5.82 लाख लीटर बेची गई थी. इसी तरह साल 2022-23 में 25.84 करोड़ लीटर शराब बेची गई थी. सरकार के मुताबिक, शराब बिक्री से 2023-24 में 5,164 करोड़ रुपये, 2022-23 में 5,547 करोड़ रुपये और 2021-22 में 5,487 करोड़ रुपये की रकम राजस्व के तौर पर मिली थी.
2022-23 में आधे साल बिकी थी केवल निजी दुकानों पर शराब
रेखा गुप्ता की सरकार ने दावा किया है कि दिल्ली में आप सरकार की नई शराब नीति के कारण नवंबर, 2021 से अगस्त 2022 तक शराब की कम बिक्री हुई थी, क्योंकि उस नीति में केवल निजी दुकानों को ही शराब बेचने की अनुमति दी गई थी और सरकारी शराब की दुकानों को बंद रखा गया था. इस घोटाले के कारण नई शराब नीति को उपराज्यपाल ने रद्द कर दिया था, जिसके बाद सितंबर, 2022 में दोबारा पुरानी शराब नीति लागू करके सरकारी दुकानों को भी अल्कोहल बिक्री की अनुमति दी गई थी. हालांकि आप अपनी नई शराब नीति को आज भी सही ठहराती है. उसका दावा है कि यह नीति शराब की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर गाज गिराने और सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए लाई गई थी. साथ ही इससे ग्राहकों का भी लाभ होना था. फिलहाल इस नीति से हुए कथित घोटाले की जांच चल रही है.
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Delhi वाले हैं बड़े शराबी, यकीन ना हो तो दूध और शराब की बिक्री के आंकड़े देख लो