Bangladesh Hindu Attacks Updates: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा लगातार जारी है. पूरी दुनिया में आलोचना के बावजूद मुहम्मद यूनुस की अंतरिम बांग्लादेशी सरकार अपने यहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को कट्टरपंथियों की हिंसा से सुरक्षित कर पाने में नाकाम रही है. ऐसे में दिल्ली की जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) के शाही इमाम अहमद बुखारी (Shahi Imam Ahmed Bukhari) ने पड़ोसी देश को चेतावनी दी है. उन्होंने बांग्लादेश सरकार को याद दिलाया है कि किस तरह उसके पाकिस्तान से अलग होने के बाद से दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते रहे हैं. उन्होंने बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं के खिलाफ अन्याय और हिंसा तत्काल रोकने की मांग की है. शाही इमाम ने यह घोषणा उस दिन की है, जिस दिन भारत ने 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान के अन्याय से आजाद कराने के लिए युद्ध की शुरुआत की थी. साथ ही आज ही दिल्ली की जामा मस्जिद के खिलाफ भी वैसे ही विवाद शुरू किए गए हैं, जिस तरह के विवाद संभल की जामा मस्जिद, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और अजमेर दरगाह के खिलाफ चल रहे हैं. दिल्ली की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में भी मंदिर के अवशेष होने का दावा करते हुए हिंदू सेना ने उसकी खुदाई कराने की मांग भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (ASI) से की है.
'यूनुस अपनी इंटरनेशनल रेपुटेशन को कायम रखें'
शाही इमाम ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा,'भारत एक भरोसेमंद पड़ोसी, बांग्लादेश का करीबी सहयोगी और साझा सांस्कृतिक विरासतों का अभिभावक है. इस नाते मैं मौजूदा बांग्लादेश सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनूस से हिंदुओं के खिलाफ अन्याय व हिंसा पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करता हूं. नोबेल विजेता यूनुस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी इंटरनेशनल रेपुटेशन बरकरार रहे. मुस्लिम बहुल देश होने के नाते इस्लाम और इस्लामी न्यायशास्त्र स्वाभाविक रूप से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ किसी भी तरह के पूर्वाग्रह या अन्याय के लिए कोई जगह नहीं है.'
'हर कदम पर करीबी सहयोगी रहा है भारत'
अहमद बुखारी ने कहा,'बांग्लादेश के निर्माण के बाद से ही भारत हर कदम पर उसके साथ रहा है. हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व, मीडिया, सिविल सोसाइटी व प्रभावी सर्किल के शेख मुजीबुर रहमान, उनकी बेटी शेख हसीना वाजिद और उनकी पार्टी अवामी लीग के साथ करीबी रिश्ते रहे हैं. कूटनीति, क्षेत्रीय मुद्दों, इंटरनेशनल अफेयर्स और मुस्लिम वर्ल्ड के मामले में बांग्लादेश हमारे साथ करीबी सहयोगी की तरह खड़ा रहा है.'
'बांग्लादेश का आंतरिक मुद्दा पर बंद हों हिंदुओं पर अत्याचार'
शाही इमाम ने इस पर भी गौर किया कि शेख हसीना के भारत आने के बाद से उनकी पार्टी अवामी लीग के मुस्लिम व गैर मुस्लिम समर्थकों के खिलाफ पलटवार हो रहा है. ये लोग शेख हसीना के निष्कासन के बाद पैदा हुई अशांति का निशाना बन गए हैं. शाही इमाम ने कहा, 'इस बिंदु तक, यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला था. हालांकि, हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे अन्याय, हमले और एकतरफा कार्रवाई निंदनीय है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इस तरह की कार्रवाइयों का कोई औचित्य नहीं है. सरकार को हमेशा उनकी स्थापना और विकास प्रक्रिया में हमारी भूमिका और लाखों शरणार्थियों के लिए हमारे समर्थन और देखभाल के अद्वितीय इतिहास को स्वीकार करना चाहिए. हम हर प्राकृतिक आपदा में उनके साथ खड़े होने वाले पहले व्यक्ति थे.'
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'हिंदुओं पर अन्याय बंद करो' Delhi Jama Masjid पर विवाद के बीच Bangladesh को शाही इमाम की चेतावनी