Delhi High Court News: दिल्ली के सदर बाजार इलाके के शाही ईदगाह पार्क (Idgah Park) में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाए जाने के विवाद पर बुधवार को हाई कोर्ट नाराज हो गया. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मूर्ति लगाने के खिलाफ याचिका दाखिल करने पर आपत्ति जताई. साथ ही याचिका दाखिल करने के लिए शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी को जमकर फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने कहा,'झांसी की रानी को सांप्रदायिक मत बनाइए. वे पूरे देश की हीरो हैं.' कोर्ट ने साथ ही कहा,'सांप्रदायिक राजनीति के लिए कोर्ट के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है. कमेटी इस मसले को सांप्रदायिक रंग दे रही है. बेहतर होगा अगर हम इतिहास को धर्म के आधार पर ना बांटे.' फटकार लगाने के बाद हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया है.
सिंगल बेंच के फैसले को दी गई थी डिविजन बेंच में चुनौती
शाही ईदगाह पार्क की प्रबंधन कमेटी वहां रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने का विरोध कर रही है. कमेटी ने दिल्ली हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसमें 1970 के गजट नोटिफिकेशन के तहत पार्क को वक्फ की संपत्ति बताया था. इस गजट नोटिफिकेशन में ईदगाह पार्क को नमाज पढ़ने के लिए मुगल काल में बनाई गी पुरातन संपत्ति बताया गया है, जहां एक साथ 50,000 नमाजी नमाज पढ़ सकते हैं. हाई कोर्ट में सिंगल जज की बेंच ने ईदगाह कमेटी की याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट बेंच ने ईदगाह की बाउंड्री के अंदर के इलाके पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) का हक बताया था. इस फैसले को ही डिविजन बेंच में चुनौती दी गई थी.
डिविजन बेंच बोली- सिंगल जज के खिलाफ यूज की गई भाषा आपत्तिजनक
डिविजन बेंच के सामने दाखिल याचिका में ईदगाह कमेटी ने सिंगल बेंच के जज पर कई तरह के आरोप लगाए थे. इसमें धर्म से जुड़े आरोप भी थे. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडला की डिविजन बेंच नाराज हो गई. डिविजन बेंच ने याचिका में सिंगल बेंच के जज के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा को आपत्तिजनक बताया. इसके बाद बेंच ने ईदगाह कमेटी से इस मसले पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा,' कोर्ट में ऐसी बहस के लिए जगह नहीं है. रानी लक्ष्मीबाई पूरे देश और सभी धर्मों की हीरो हैं. इतिहास को धर्म के आधार पर बांटना बंद कर दीजिए.'
याचिका वापस लेने लगे तो मांगा माफीनामा
हाई कोर्ट को नाराज देखकर ईदगाह कमेटी के वकील ने हालात को संभालने की कोशिश की. उन्होंने याचिका को वापस लेने की पेशकश करते हुए कहा,'हमारी प्रार्थना किसी भी तरह की राजनीति से प्रेरित नहीं हैं. हम इस याचिका को बिना किसी शर्त के वापस ले रहे हैं.' इसके बावजूद हाई कोर्ट की डिविजन बेंच का गुस्सा कम नहीं हुआ. डिविजन बेंच ने याचिका में लिखे गए तथ्यों और आरोपों को लेकर ईदगाह कमेटी को माफीनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर सजा सुनाए जाने की चेतावनी भी दी गई है.
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'झांसी की रानी को सांप्रदायिक मत बनाइए' ईदगाह पार्क में मूर्ति लगाने से रोकने पर भड़का Delhi High Court