Delhi High Court की सीनियर वकीलों की नामांकन सूची गुरुवार (2 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में हंगामे का सबब बन गई. विंटर वेकेशन के बाद पहली बार खुले सुप्रीम कोर्ट में इस सूची के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें सीनियर वकील मैथ्यूज जे. नेदुम्परा के भाई-भतीजावाद हावी होने का आरोप लगाने पर विवाद पैदा हो गया. इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस (CJI) बनने के दावेदार जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने वकील नेदुम्परा को इस आरोप पर चेतावनी दी कि जजों के रिश्तेदारों को सीनियर वकील के तौर पर नामित किया जा रहा है. साथ ही कड़ी फटकार लगाते हुए अपनी याचिका वापस लेने का निर्देश दिया. मैथ्यूज के फिर भी अपने आरोप के पक्ष में दलील देने पर माहौल गर्मा गया और उन्हें याचिका से आरोप नहीं हटाने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई.

याचिका में संशोधन का दिया निर्देश
मैथ्यूज नेदुम्परा व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हाई कोर्ट का नामांकन सूची वाला फैसला रद्द करने का अनुरोध किया था. याचिका में उन्होंने जजों के रिश्तेदारों को नामित करने का आरोप लगाया. इस पर जस्टिस गवई ने उन्हें फटकारते हुए कहा, 'कितने जजों के बच्चों को सीनियर वकील बनाया गया है.' इस पर नेदुम्परा ने एक चार्ट पेश किया, लेकिन बेंच ने उसे खारिज करते हुए उन्हें याचिका में संशोधन करने का आदेश दिया. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, नेदुम्परा को बेंच ने कहा कि कोर्ट इस दलील से सहमत नहीं है. यदि आप याचिका में ये आरोप नहीं हटाते हैं तो आपके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. 

'यह बोट क्लब नहीं है, जहां आप भाषण दें'
बेंच के याचिका वापस लेने का निर्देश देने के बावजूद सीनियर वकील मैथ्यूज नेदुम्परा अपनी दलील पेश करते रहे. उन्होंने बार एसोसिएशन पर जजों से डरने का आरोप लगाया. इस पर जस्टिस गवई और ज्यादा नाराज हो गए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा,'मिस्टर नेदुम्परा, यह बोट क्लब या आजाद मैदान नहीं है, जहां आप भाषण दें. यह कोर्ट है. जब आप कोर्ट में पेश हों तो तारीफ बटोरने वाली बातें करने के बजाय कानूनी दलीलें पेश करने पर ध्यान दें.' जस्टिस गवई ने याचिका में मैथ्यूज नेदुम्परा के साथ सह आवेदन बने वकील को भी मानहानि का केस झेलने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है.

सूची जारी होने के बाद से ही चल रहा विवाद
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में 70 वकीलों को सीनियर वकील के तौर पर नामित किया है. यह सूची जारी होने के बाद से ही विवादों में रही है. स्थायी समिति के एक सदस्य ने अपनी सहमति बिना फाइनल सूची जारी होने का दावा करते हुए इस्तीफा दे दिया था. पैनल में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि सीनियर वकील सुधीर नंदराजोग ने भी फाइनल सूची में छेड़छाड़ होने का आरोप लगाते हुए उस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे.

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Delhi High Court senior lawyer list create ruckus in supreme court clash between justice and lawyer over nepotism in court read supreme court News
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Delhi High Court की सूची में जज के बच्चे? सुप्रीम कोर्ट में भड़के भावी CJI तो भि
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Delhi High Court की सूची में जज के बच्चे? सुप्रीम कोर्ट में भड़के भावी CJI तो भिड़ गए वकील साहब, जानें पूरी बात

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