Delhi CCTV Scam: दिल्ली में भाजपा की राज्य सरकार बनने के बाद से अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की मुसीबत बढ़ती जा रही है. अब अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार और उनकी सरकार में PWD मंत्री रहे सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हो गया है. एंटी-करप्शन ब्यूरो (Anti Corrouption Bureau) ने वरिष्ठ आप नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ 571 करोड़ रुपये के दिल्ली सीसीटीवी प्रोजेक्ट (Delhi CCTV Project) में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप में FIR दर्ज की है. खास बात ये है कि यह रिश्वत टेंडर देने के लिए नहीं ली गई थी बल्कि दूसरे कारण से यह रिश्वत वसूली गई है. चलिए आपको बताते हैं कि यह पूरा प्रोजेक्ट क्या था और जैन ने इसमें किस कारण से रिश्वत वसूली थी.
दिल्ली में लगवाए गए थे 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे
अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते समय दिल्ली सरकार ने सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निर्णय लिया था. यह कदम सुरक्षा के नजरिये से चप्पे-चप्पे की निगरानी के लिए उठाया गया था. इसके तहत 571 करोड़ रुपये में सभी विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे, जिसकी जिम्मेदारी दिल्ली पीडब्ल्यूडी ने उठाई थी. यह सारे कैमरे लगाने की जिम्मेदारी भारत सरकार के उपक्रम भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited) को दी गई थी. इसी कैमरा प्रोजेक्ट में जैन पर 7 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूलने का आरोप लगा है.
कैमरे लगाने में देरी के कारण लगा था BEL पर मोटा जुर्माना
दरअसल दिल्ली में ये कैमरे लगवाने का काम BEL की तरफ से तय समय में पूरा नहीं हो सका था. समय सीमा में देरी के कारण दिल्ली पीडब्ल्यूडी ने 16 करोड़ रुपये का लिक्विडेटेड डैमेज (LD) पेनाल्टी वसूलने का नोटिस जारी किया था. यह पैसा BEL और उसके ठेकेदारों से वसूला जाना था. आरोप है कि जैन ने 16 करोड़ रुपये के इस जुर्माने को माफ कर दिया था. साथ ही BEL को 1.4 लाख अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे की आपूर्ति की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई थी. इस सबके लिए जैन पर 7 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूलने का आरोप लगा है.
क्या आरोप लगाया है ACB ने FIR में
दिल्ली एंटी-करप्शन (ACB) ने इस मामले में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा FIR नंबर 04/2025 के तहत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7/13(1)(a) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120B के तहत दर्ज हुआ है. जैन के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करने के लिए ACB ने पहले POC Act की धारा 17-A के तहत सरकारी मंजूरी हासिल की है. FIR में आरोप लगाया गया है कि 7 करोड़ रुपये की रिश्वत BEL के ठेकेदारों से वसूली गई थी. बदले में उन्हें इस रकम की पूर्ति करने के लिए 1.4 लाख कैमरों की अतिरिक्त आपूर्ति करने की जिम्मेदारी सौंप दी गई. रिश्वत किसी एक आदमी के जरिये नहीं बल्कि अलग-अलग विक्रेताओं के माध्यम से भुगतान की गई. इसके लिए अतिरिक्त आपूर्ति वाले कैमरों की कीमतों को बढ़ाकर मंजूर किया गया था. ACB ने इस मामले में PWD और BEL से सारे संबंधित दस्तावेज हासिल करने के बाद जांच शुरू कर दी है. दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर (ACB) मधुर वर्मा ने अपने बयान में बताया है कि इस मामले में सारे आरोपों की गहराई से जांच की जाएगी. इसके बाद आरोपी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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केजरीवाल के करीबी सत्येंद्र जैन पर एक और केस, जानें कैसे हुआ 571 करोड़ रुपये के ठेके में भ्रष्टाचार