डीएनए हिंदी: दुनिया भर में कोविड (Covid-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ब्रिटेन और यूरोप के कुछ हिस्सों में संक्रमण बुरी तरह फैल गया है. चीन और हांगकांग में 2 साल बाद कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़े हैं. अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा लोग कोविड संक्रमित हो चुके हैं.
द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक यूके स्वास्थ्य विभाग के डेली कोरोना अपडेट में मंगलवार का आंकड़ा बेहद चिंताजनक है. यूके में मंगलवार को 94,524 नए कोविड के मामले सामने आए हैं. देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 4 करोड़ से ज्यादा है.
देश में 5 लाख से ज्यादा लोग अब तक कोविड की तीनों लहर में जान गंवा चुके हैं. ऐसे में दुनिया में बढ़ते कोविड मामले देश की भी चिंता बढ़ा रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या हमें चौथी लहर से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए?
क्या Covid-19 की चौथी लहर दे रही है दस्तक? Omicron के सब वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता
कोविड से कैसे निपट रहा है देश?
देश में हर दिन सामने आने वाले कोविड मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. 2 साल बाद एक्टिव केस के मामले बेहद कम हो गए हैं. ओमिक्रोन वेरिएंट जिसमें 50 से ज्यादा जेनेटिक म्युटेशन हैं, उसका असर देश में कम देखने को मिला. केस तो बढ़े लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या स्थिर रही. अब दुनिया ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीए.2 से जूझ रही है.
भारत में टीकाकरण बेहद तेज है. करीब 181.89 करोड़ वैक्सीन की डोज लोगों को दी जा चुकी है. 80 फीसदी वयस्क आबादी को टीका लग गया है. 94 फीसदी योग्य लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है. देश में आर्थिक गतिविधियां एक बार फिर पटरी पर लौट चुकी हैं. देश में कोविड प्रतिबंधों में भी ढील दी जा चुकी है. टीकाकरण अब तक का सबसे बड़ा हथियार है.
क्या है IIT कानपुर की रणनीति?
आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने कहा है कि COVID-19 की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है, जिसका असर 24 अक्टूबर तक जारी रहेगा हालांकि, चौथी लहर कितनी गंभीर होगी, इसका पता कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद ही चल पाएगा. लोग इस स्टडी पर सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन इस संस्था का प्रेडिक्शन कोविड की दोनों लहर में सच साबित हुआ था.
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में युद्धस्तर पर चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान की वजह से कोविड की अगली लहर, तीसरी लहर की तरह कम प्रभावी होगी. लोग सुरक्षित रहेंगे. भारत में कोविड के खिलाफ मजबूत वैक्सीनेशन से हासिल इम्युनिटी बन गई है. इसके अलावा हर्ड इम्युनिटी भी बेहतर हुई है. कोविड संक्रमित लोगों में भी इम्युनिटी है. ऐसे में कई स्तर की इम्युनिटी लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचा सकती है.
क्या BA.2 वेरिएंट देश की बढ़ाएगी चिंता?
ज्यादातर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रोन की तरह उसका सब वेरिएंट बीए.2 भी देश में कम असरदार होगा. तीसरी लहर के दौरान देश में इस वेरिएंट से भी लोग संक्रमित हुए थे. ऐसे में अब कोविड बड़े स्तर पर लोगों को संक्रमित नहीं कर सकेगा. भारत में चौथी लहर अपेक्षाकृत कम असरदार होगी.
चौथी लहर से कैसे निपटेगा देश?
भारत में आबादी ज्यादा है. वायरस के फैलने की दर तेज हो सकती है. कोविड की कोई भी लहर तभी थम सकती है जब लोगों में बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रोटेक्शन हो. इम्युनिटी 2 स्तर की हो सकती है. अगर कोई कोविड संक्रमण का शिकार हो चुका है तो उसमें भी इम्युनिटी बन जाती है. हर्ड इम्युनिटी और वैक्सीन से मिली इम्युनिटी भी बीमारी से लड़ने के लिए ताकत देती है. भारत में संयोग से तीनों स्तर की इम्युनिटी लोगों के शरीर में व्यापक स्तर पर डेवलेप हो चुकी है.
चौथी लहर से कैसे बचें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि अगर देश में बड़े स्तर पर एक बार फिर से कोविड टेस्ट कराने की जरूरत है. यह कोविड से निपटने में मजबूत रणनीति हो सकती है. कोविड बाहर की तुलना में घर के अंदर ज्यादा तेज फैलता है. जिन जगहों पर बेहतर वेंटिलेशन न हो या भीड़भाड़ ज्यादा हो वहां कर्मचारियों को मैनेजमेंट हाइब्रिड मोड पर काम करना चाहिए. लोगों को बूस्टर डोज भी दी जानी चाहिए. देश की ज्यादातर आबादी अब कोविड के साथ रहना सीख चुकी है. ऐसे में अगर लोग मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों को अपनाते हैं तो कोरोना की चौथी लहर से भी बचा जा सकता है.
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दुनिया में डरा रहे Covid-19 के आंकड़े, क्या भारत में आ रही कोरोना की चौथी लहर?