डीएनए हिंदी: UP Minority Commission Letter- उत्तर प्रदेश में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के कारण एक बार फिर विवाद खड़ा होता दिख रहा है. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर नियमों का पालन करने वाले लाउडस्पीकर भी हटाने का आरोप लगाया है. आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले की अवमानना बताया है. साथ ही आगामी रमजान माह को ध्यान में रखकर स्पीकर नहीं हटाने की अपील की है.
आयोग का आरोप, नियमों के दायरे वाले स्पीकर भी हटाए
यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने 23 मार्च से शुरू हो रहे रमजान के महीने के लिए बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने पत्र में कहा, कई ज़िलों से शिकायतें मिली हैं. इनमें कई जगह नियमों के तहत मस्जिदों पर लगाए गए लाउडस्पीकर स्थानीय अधिकारियों द्वारा जबरन उतरवाने की जानकारी मिली है. ये लाउडस्पीकर तय डेसिबल लिमिट समेत इलाहाबाद हाई कोर्ट की सभी गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए लगाए गए थे. उन्होंने राज्य सरकार से इन लाउडस्पीकरों को नहीं उतारे जाने और ऐसा करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
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'मुस्लिमों को सुरक्षा-सौहार्द का वातावरण दें'
आयोग के अध्यक्ष सैफी ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आग्रह किया कि मुस्लिमों को सुरक्षा और सौहार्द के अहसास वाला वातावरण दिया जाए. सैफी ने मीडिया से बातचीत में भी इस पत्र की जानकारी दी है. उन्होंने कहा, मैंने पत्र में मुख्य सचिव से सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों और जिलाधिकारियों को रमजान माह के दौरान मुस्लिमों के लिए अच्छी सुविधाओं व सुरक्षा वाला माहौल उपलब्ध कराने की अपील की है.
मस्जिदों पर लाउडस्पीकरों से अजान का हुआ था विरोध
दरअसल मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से बेहद तेज आवाज में अजान पढ़े जाने को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा था. इसी तरह कई जगह मुस्लिम समुदाय ने मंदिरों में लाउडस्पीकर से आरती करने पर हंगामा किया था. पिछले साल इस विरोध के कई जगह हिंसक होने पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर के लिए नियम तय कर दिए थे. यह कार्रवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के साल 2017 के आदेश के तहत की गई थी. दिसंबर, 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को धर्मस्थलों पर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के नियम लागू करने का आदेश दिया था. इनमें लाउडस्पीकर के लिए अनुमति लेना और आवाज धर्मस्थल परिसर से बाहर नहीं जाने जैसे नियम शामिल थे. इसके बाद राज्य में बड़े पैमाने पर पुलिस ने धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए थे. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 1.5 लाख लाउडस्पीकर पुलिस ने उतरवाए थे, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों की ही थी.
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यूपी में मस्जिदों के लाउडस्पीकर फिर विवाद में, नाराज अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा पत्र, जानिए पूरा माजरा