डीएनए हिंदी : एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर अपना शक्तिप्रदर्शन करते हैं तो दूसरी ओर दो राज्यों के कांग्रेस पार्टी के ही मुख्यमंत्री आपस में भिड़ रहे हैं. इसके बाद मदद का हाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बढ़ाया है. छत्तीसगढ़ में राजस्थान के कोटे के कोयला का खनन नहीं हुआ तो राजस्थान में बिजली संकट खड़ा हो गया. ऐसे में एक तरफ जहां राजस्थान ने उत्तर प्रदेश से 700 मेगावाट उधार बिजली ली तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल को ही निशाने पर ले लिया है.
सोनिया को लिखा पत्र
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ के साथ छिड़े कोयला खनन विवाद पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही पत्र लिखकर उनसे शिकायत की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "छत्तीसगढ़ सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला ब्लॉकों में खनन के लिए मंजूरी नहीं दी है." इस पत्र में उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ सरकार लंबे वक्त से परमिशन रोक कर बैठी है.
बढ़ सकता है बिजली संकट
गहलोत ने अपने पत्र मे बताया है कि कैसे छत्तीसगढ़ सरकार की ढुलमुल नीतियों के चलते राजस्थान में बिजली संकट उत्पन्न हो रहा है. उन्होंने लिखा, "छत्तीसगढ़ में राजस्थान को आवंटित परसा कोयला खदान में खनन परमिट नहीं मिलने से 4340 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप हो सकता है. केंद्र द्वारा राजस्थान को परसा पूर्व, कांटे एक्सटेंशन और सरगुजा में 1,136 हेक्टेयर की कोयला खदानें आवंटित की गई हैं लेकिन पर्यावरण मंजूरी के दूसरे चरण के लागू होने के कारण राज्य की पंचायतों से अनुमति लेनी पड़ती है और इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार को पहल करनी होगी.
उत्तर प्रदेश से मिल रही मदद
छत्तीसगढ़ से हो रहे टकराव के बीच राजस्थान में बिजली संकट को हल करने का काम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है. उत्तर प्रदेश से 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति राजस्थान में की जा रही है. हालांकि ये बिजली जरूर उधार है किन्तु मुश्किल समय में योगी ही अशोक गहलोत के लिए उपयोगी साबित हुए हैं और अपने कांग्रेसी साथी बघेल ही उनकी मुसीबतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं.
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