डीएनए हिंदी: साइबर क्राइम को हम सभी अपने बैंक अकाउंट से जोड़ के ही देखते हैं लेकिन साल 2020 के आंकड़ों में ये सामने आया है कि साइबर क्राइम के मामले बच्चों के खिलाफ बढ़ें है. अब एनसीआरबी ने इसको लेकर बताया है कि बच्चों के खिलाफ साइबर क्राइम के मामले करीब 400 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं. ध्यान देने वाली बात ये है साल 2020 में बच्चों के साथ हुए कुल साइबर अपराधों में से 90 प्रतिशत मामले यौन कृत्यों से जुड़े थे.
यौन कृत्यों की बढ़ी तादाद
बच्चों के साथ तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध को लेकर एनसीआरबी की ओर से जो आंकड़े जारी किए हैं वो ये बताते हैं कि 2020 में बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन अपराधों के कुल 842 मामले सामने आए, जिनमें से 738 मामले बच्चों को यौन कृत्यों में चित्रित करने वाली सामग्री को प्रकाशित करने या प्रसारित करने से संबंधित थे. रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों से संबंधित मुख्य 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश (170), कर्नाटक (144), महाराष्ट्र (137), केरल (107) और ओडिशा (71) शामिल हैं.
इंटरनेट का बढ़ा है प्रयोग
बच्चों की सुरक्षा एवं अधिकारों से जुड़े एक गैर सरकारी संगठन ‘क्राई-चाइल्ड राइट्स एंड यू’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा मारवाह के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने और अन्य संचार उद्देश्यों तक पहुंचने के लिए इंटरनेट पर आज बच्चे इंटरनेट का ही प्रयोग करते हैं. ऐसे में उन्हें कई प्रकार के जोखिमों का सामना करना पड़ता है.
पूजा ने बताया पढ़ाई के लिए इंटरनेट पर अधिक समय बिताने के कारण बच्चे विशेष रूप से ऑनलाइन यौन शोषण, अश्लील संदेशों का आदान-प्रदान , पोर्नोग्राफी के संपर्क में आना, यौन शोषण सामग्री, साइबर-धमकी तथा ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे कई अन्य गोपनीयता-संबंधी जोखिमों का सामना कर रहे हैं. उनके मुताबिक इन सब गतिविधयों के चलते ही बच्चों के खिलाफ सर्वाधिक अपराध हो रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि इंटरनेट के माध्यम से हो रही पढ़ाई के कारण बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं.
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