Cash in Judge Home Row: घर पर लगी आग में करोड़ों रुपये की अघोषित नकदी जलने से विवादों में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला आखिरकार हो गया है. दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने की मांग के बीच सुप्रीम कोर्ट ने उनका तबादला कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके मूल हाई कोर्ट यानी इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेज दिया है, जहां उनका वरिष्ठता क्रम में 9वां नंबर हो जाएगा. इसके उलट दिल्ली हाई कोर्ट में वरिष्ठता क्रम के हिसाब से जस्टिस वर्मा दूसरे नंबर पर थे. उधर, जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद वापस भेजे जाने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन बिफर गई है. बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा को वापस इलाहाबाद भेजे जाने की खबरें सामने आने पर ही इसका विरोध शुरू कर दिया था और इलाहाबाद हाई कोर्ट को 'डंपिंग ग्राउंड' नहीं बनाए जाने की मांग की थी. इसे अपरोक्ष तरीके से जस्टिस वर्मा को 'कूड़ा' कहे जाने के बराबर माना गया था.
यह भी पढ़ें- Cash In Judge Home Row: कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा, जिनके घर कैश मिलने के कारण मचा हुआ है हंगामा
सुप्रीम कोर्ट ने दी है ये जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी किया है. इस बयान में जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद वापस भेजे जाने के फैसले की जानकारी दी गई है. बयान में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंजूर कर लिया है. यह फैसला कॉलेजियम की पिछली बैठक में ही ले लिया गया था. इस फैसले को केंद्र सरकार को भेज दिया गया है, जिस पर अगले एक-दो दिन में फैसला हो सकता है.
Supreme Court Collegium issues resolution recommending transfer of Justice Yashwant Varma, Judge of High Court of Delhi, back to his parent court, the Allahabad High Court
— ANI (@ANI) March 24, 2025
The Allahabad High Court Bar Association had raised objection over the Supreme Court Collegium’s decision… pic.twitter.com/x2Ro1mJS8U
बार एसोसिएशन ने की CBI जांच की मांग
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सु्प्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया है. बार एसोसिएशन ने लाइब्रेरी हॉल में जनरल बॉडी मीटिंग आयोजित की, जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई करने की मांग की गई है. साथ ही उनके खिलाफ CBI या ED से जांच कराने की भी मांग की गई है. बैठक में पारित किए गए 11 मांगों वाले प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) को भेजा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच पर उठाए सवाल
बार एसोसिएशन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच पर सवाल उठाए हैं. बार एसोसिएशन ने 'अंकल जज सिंड्रोम' का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट भी सवाल खड़े किए हैं और मांग की है कि किसी भी जज के परिवार को उस कोर्ट में वकालत की इजाजत ना मिले, जहां वे तैनात हैं. एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दी जा रही सफाई को खारिज कर दिया है. एसोसिएशन ने किसी भी अन्य सिविल सर्वेंट की तरह जस्टिस वर्मा के खिलाफ भी CBI से जांच कराने की मांग की है. साथ ही CBI को जरूरत पड़ने पर CJI की अनुमति से जस्टिस वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत देने की भी मांग की गई है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

SC कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को भेजा इलाहाबाद HC, बिफर गई बार एसोसिएशन, पहले ही बता चुकी 'कूड़ा'