डीएनए हिंदी: दिल्ली की एक अदालत ने 'बुल्ली बाई' के क्रिएटर नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिका को यह खारिज कर दिया कि आरोपी द्वारा बनाए गए इस एप पर अपमानजनक सामग्री डाली गई इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस एप पर सांप्रदायिक रंग देने वाली आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की गई थी. इस एप के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाया गया.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कहा कि आरोप की व्यापकता और जांच के स्तर को देखते हुए इस स्तर पर जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है. कोर्ट ने कहा, इस मामले की जांच शुरुआती चरण में है. पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है और इस घृणित कृत्य में अन्य व्यक्तियों की पहचान कर रही है.
अदालत ने कहा कि आरोपी का कृत्य स्पष्ट रूप से एक विशेष समुदाय की महिलाओं की गरिमा और समाज के सांप्रदायिक सद्भाव का अपमान है. कोर्ट ने कहा, तथ्यों से पता चलता है कि आरोपी ने 'बुल्लीबाई' एप बनाया, जहां महिला पत्रकारों और एक विशेष समुदाय की मशहूर हस्तियों को निशाना बनाया जाता है.
20 साल के नीरज बिश्नोई को पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट (आईएफएसओ) की टीम ने बुल्ली बाई मामले में असम से गिरफ्तार किया था.
नीरज बिश्नोई असम के जोरहाट के दिगंबर इलाके का रहने वाला है. वह वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल का बी.टेक छात्र है. पूछताछ के दौरान नीरज बिश्नोई ने खुलासा किया कि एप को नवंबर 2021 में डवलप किया गया था और दिसंबर 2021 में अपडेट किया गया. एप के लिए एक ट्विटर अकाउंट भी बनाया.
देशभर के पुलिस थानों को 'बुल्ली बाई' मोबाइल एप्लिकेशन पर "नीलामी" के लिए मुस्लिम महिलाओं की सूची के संबंध में कई शिकायतें मिलीं थीं. बेंगलुरु की एक इंजीनियरिंग की छात्रा, उत्तराखंड की एक युवती और उसके एक दोस्त को भी मुंबई पुलिस ने 'बुल्ली बाई' एप मामले में गिरफ्तार किया है.
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कोर्ट ने बुल्ली बाई एप के क्रिएटर की जमानत याचिका पर क्या कहा?