डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान करते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) को भी इस सूची में शामिल किया. हालांकि भट्टाचार्य ने पद्म भूषण लेने (Padma Bhushan) से मना कर दिया है. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि वह पद्म भूषण पुरस्कार नहीं लेंगे. 

लंबे समय से उम्र जनित बीमारियों से जूझ रहे भट्टाचार्य ने एक बयान जारी कर कहा, 'मैं पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता हूं. मुझे इस बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा है. यदि किसी ने मुझे पुरस्कार दिया है तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं.'

वहीं पूर्व सीएम के इस फैसले पर अब उनकी पत्नी मीरा भट्टाचार्य ने भी अपना बयान जारी किया है. एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'वे शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद फैसले लेने में पहले की तरह ही मजबूत और दृढ़संकल्प हैं. इसलिए उन्होंने इस पुरस्कार को नहीं लेने का फैसला किया है.'

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बता दें कि पद्म भूषण देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. भट्टाचार्य साल 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे. इसके साथ ही वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के पोलितब्यूरो के सदस्य भी रह चुके हैं. अभी तक CPM और CPI के किसी भी नेता ने इस तरह का पुरस्कार नहीं लिया है. 

बुद्धदेव के बयान के बाद सीपीएम ने कहा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) शुरू से ही ऐसे पुरस्कार ठुकराती रही है. हमारा काम आम लोगों के लिए है, अवॉर्ड के लिए नहीं. इससे पहले ईएमएस नंबूदरीपाद ने भी अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया था. 

सीपीएम की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती कहते हैं, 'वामपंथी अवॉर्ड के लिए काम नहीं करते. यूपीए सरकार के दौरान पश्चिम बंगाल के एक और पूर्व सीएम ज्योति बसु को भारत रत्न देने की पेशकश की गई थी लेकिन पार्टी ने तब भी उसे लेने से इनकार कर दिया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पार्टी लाइन के अनुरूप ही इस पुरस्कार को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है.'

बीबीसी के मुताबिक, दिल्ली से लैंडलाइन पर एक फोन आया था. फोन को सिर्फ पूर्व सीएम को पद्म पुरस्कार देने की बात कह कर काट दिया गया. वह फोन किसी और ने उठाया था. अस्वस्थता की वजह से बुद्धदेव खुद फोन नहीं उठाते हैं. परंपरा के मुताबिक पुरस्कार के लिए नाम का ऐलान करने से पहले बुद्धदेव की सहमति नहीं ली गई.

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हालांकि पीटीआई ने देर रात जारी एक खबर में सूत्रों के हवाले से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से शीर्ष अधिकारी ने भट्टाचार्य के घर फोन कर उनको पद्मभूषण अवॉर्ड के बारे में जानकारी दी थी. दूसरी ओर हिंदुस्तान टाइम्स ने गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा है कि मंगलवार को फोन पर बुद्धदेव के परिवार को पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में जानकारी दी गई थी और पद्म पुरस्कार देने के लिए सहमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है.

इधर पूर्व सीएम के इस फैसले के बाद से ही राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इसे लेकर बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं, 'पद्म पुरस्कार स्वीकार नहीं करना बुद्धदेव का निजी फैसला है. देश ने उनको सम्मानित करने का फैसला किया. अब यह फैसला उनको करना है कि वे इसे स्वीकार करना चाहते हैं या नहीं.'

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Buddhadeb Bhattacharjee wife said on rejecting Padma Bhushan award he is as strong as ever in taking decisions
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पद्म भूषण सम्मान ठुकराने पर बोलीं Buddhadeb Bhattacharjee की पत्नी
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पद्म भूषण सम्मान ठुकराने पर बोलीं Buddhadeb Bhattacharjee की पत्नी- 'वे फैसले लेने में पहले की तरह ही मजबूत हैं'
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पद्म भूषण सम्मान ठुकराने पर बोलीं Buddhadeb Bhattacharjee की पत्नी- 'शरीर से बीमार हैं फैसले लेने में अभी भी मजबूत हैं'