डीएनए हिंदी: अगर हम आपसे कहें कि अब एक इंजेक्शन से टूटी हुई हड्डियां बनाई जा सकेगी तो क्या आप यकीन करेंगे? दरअसल IIT कानपुर ने ऐसी ही एक उपलब्धि हासिल की है. बताया जा रहा है कि यहां की लैब में ऐसी तकनीक तैयार की गई है जिससे हड्डियों को दोबारा बनाया जा सकेगा. 

यह बात तो सभी जानते हैं कि अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाए या फिर बोन लॉस होने की वजह से बोन रिप्लेसमेंट का प्रयोग करने की नौबत आ जाए तो इस दौरान मरीज के शरीर में कई तरह के इंटर्नल संक्रमण फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. IIT के वैज्ञानिकों ने ऐसी बोन रिजनरेशन टेक्नोलॉजी विकसित की है जिसकी मदद से जहां भी बोन नहीं है, वहां इसे इंजेक्ट करके खाली स्थान को बोन से भरा जा सकेगा. 

IIT और ऑर्थो रीजेनिक्स के बीच एमओयू हुआ साइन
वहीं इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अधिक से अधिक मरीज और डॉक्टर्स कर सकें, इसके लिए आईआईटी और ऑर्थो रीजेनिक्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. इस एमओयू के तहत ऑर्थो रीजेनिक्स इसटेक्नोलॉजी का कमर्शियल उपयोग कर सकेगी.

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कैसे करेगी काम?
बात अगर तकनीक की करें तो शरीर के जिस हिस्से में हड्डी टूट गई है या हट गई है, उस प्रभावित हिस्से में दो केमिकल का पेस्ट बनाकर इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा. इस सिरेमिक बेस्ड मिक्सचर में बायो-एक्टिव मॉलेक्यूल होंगे जो हड्डी के पुनर्विकास में मदद करेंगे. 

इस तकनीक को बनाने वाले डिपार्टमेंट ऑफ बायो-साइंसेज एंड बायो-इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अशोक कुमार का कहना है कि इसे सीधे इम्प्लांट करने की बजाए इंजेक्ट किया जा सकता है. यह पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल है और इसमें बोन रिजनरेशन के लिए ऑस्टियोइंडक्टिव और ऑस्टियो प्रोमोटेड को शामिल किया गया है. ऑस्टियोइंडक्टिव को हड्डी का इलाज करने का तरीका भी कहते है. वहीं ऑस्टियो प्रोमोटेड नई हड्डी के विकास के लिए सामग्री का काम करती है.

प्रोफेसर कुमार के मुताबिक, इसका इस्तेमाल भविष्य में हड्डी के विकल्प के रूप में भी किया जा सकता है. इस तकनीक से मेडिकल क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है.

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Bone regeneration technology IIT kanpur signs MoU with Ortho Regenics
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अब इंजेक्शन से जुड़ेगी टूटी हड्डी, IIT कानपुर ने विकसित की खास Technology
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अब इंजेक्शन से जुड़ेगी टूटी हड्डी, IIT कानपुर  ने विकसित की खास Technology
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अब इंजेक्शन से जुड़ेगी टूटी हड्डी, IIT कानपुर  ने विकसित की खास Technology