डीएनए हिंदी: फिल्मी सितारों की राजनीति में एंट्री कोई नई बात नहीं है. पृथ्वीराज कपूर, देवानंद और सुनील दत्त से लेकर दीलीप कुमार तक सितारों का रिश्ता राजनीति और राजनेताओं से अच्छा रहा है. अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र से लेकर जयप्रदा और गोविंदा तक कई सितारों को जनता ने सिर-आखों पर बैठाया. जनता ने सितारों का साथ तो दिया लेकिन अभिनेता से नेता बने इन सितारों ने उनसे किया वादा निभाने में अक्सर ढिलाई बरती.
2019 के लोकसभा चुनाव में भी कई सितारों ने एंट्री ली. सनी देओल, किरण खेर, हेमा मालिनी और बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत जहां की संसद में एंट्री चर्चा में रही. किरण खेर और हेमा मालिनी तो दूसरी बार भी चुनकर संसद पहुंची. वहीं सनी देओल और नुसरत जहां की एंट्री नई है. इन स्टार्स की फिल्मी पारी की तरह सियासी पारी भी हिट रही है लेकिन हिट होने के बाद भी जनता से वास्ता इन्होंने कम रखा.
लॉकडाउन के दौरान फूटा गुस्सा
कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में जनता ने इनके लोकसभा क्षेत्रों में गुमशुदी के पोस्टर लगाए थे. वजह थी कि जब जनता को सबसे ज्यादा इनकी जरूरत थी तब ये ग्राउंड पर नजर नहीं आ रहे थे. लोगों का गुस्सा लगातार इन पर फूट रहा था. ध्यान देने वाली बात यह है कि हेमा मालिनी को छोड़कर दूसरे सितारे संसद के सत्र के दौरान भी बेहद कम मौजूद रहे हैं.
1. सनी देओल
सनी देओल बॉलीवुड के सुपरहिट स्टार रहे हैं. उनके अंदाज को लेकर युवाओं में क्रेज देखने को मिलता है. 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें गुरदासपुर संसदीय सीट से टिकट दिया. सनी देओल ने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील कुमार जाखड़ को हराया था. कोरोना की दूसरी लहर में पठानकोट और गुरदासपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में गुमशुदी के पोस्टर लगाए थे. लोगों ने 'सांसद सनी देओल गुमशुदा' और 'सांसद सनी देओल लापता' के पोस्टर लगाए थे. सनी देओल जीत के बाद फिल्मों में व्यस्त हो गए थे. संसद में उनकी मौजूदगी कम रही है. अपने संसदीय क्षेत्र में भी सनी देओल कम गए हैं. उन्होंने अपने जनप्रतिनिधि को ही सारी जिम्मेदारी सौंप दी है. कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लोगों का गुस्सा सनी देओल पर फूट रहा था.
2. किरण खेर
मशहूर अभिनेत्री किरण खेर ने बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव 2019 में दूसरी बार चंडीगढ़ से जीत दर्ज की थी. 2014 में भी उन्हें जीत मिली थी. किरण खेर अपने दूसरे कार्यकाल में लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं. चंडीगढ़ में कई बार उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लोगों ने लगाए हैं. कोरोना की दोनों लहर में लोगों ने उनकी गैरमौजूदगी पर सवाल खड़े किए हैं. वे संसद से ज्यादा टीवी रिएलिटी शोज में नजर आई हैं. हालांकि किरण खेर को 2021 में ही कैंसर डिटेक्ट हुआ था. अनुपम खेर ने जानकारी दी थी कि किरण को मल्टीपल Myeloma हुआ था जो एक तरह का ब्लड कैंसर है.
3. हेमा मालिनी
बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी एक अरसे से राजनीति में सक्रिय हैं. 2014 से हेमा मालिनी लगातार मथुरा संसदीय सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत रही हैं. उन्हें राज्यसभा का भी अनुभव है. अक्सर संसद सत्र के दौरान उनकी तस्वीरें वायरल होती हैं. संसद सत्र के दौरान हेमा मालिनी तो संसद में नजर आती हैं लेकिन लोकसभा क्षेत्र में विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहता है कि वे मौजूद नहीं रहती हैं. हालांकि दूसरे फिल्मी सितारों की तुलना में हेमा मालिनी अपने संसदीय क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हैं. कोरोना काल में विपक्ष ने उनकी गैरमौजूदगी के पोस्टर जगह-जगह चिपकाए थे.
4. नुसरत जहां
नुसरत जहां तृणमूल कांग्रेस पार्टी से सांसद हैं. पश्चिम बंगाल के बसीरहाट संसदीय क्षेत्र से उन्होंने 2019 में चुनाव जीता था. नुसरत जहां की संसद में मौजूदगी कम रही है. नुसरत जहां के गुमशुदगी के पोस्टर भले ही सामने नहीं आए हों लेकिन वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में कम ही नजर आती हैं. राजनीतिक जीवन से ज्यादा उनकी निजी जिंदगी सुर्खियों में रहती है.
प्रतिनिधियों के हवाले होता है संसदीय इलाका
फिल्मी सितारों के संसदीय क्षेत्र में वे खुद बेहद कम नजर आते हैं. उनकी जगह उनके जनप्रतिनिधि ही काम संभालते हैं. अभिनेता से नेता बने ये लोगों से दूसरे नेताओं की तरह घुल-मिल नहीं पाते हैं. यह ट्रेंड अमिताभ बच्चन, राज बब्बर, धर्मेंद्र से लेकर सनी देओल और गोविंदा तक में देखा गया है. ये अपनी लोकप्रियता को भुनाकर चुनाव तो जीत जाते हैं लेकिन जनता के बीच इनकी गैरमौजूदगी इनके संसदीय शपथ पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
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