डीएनए हिंदी: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा. सिन्हा ने कहा कि जिस बीजेपी का मैं हिस्सा था उसमें आंतरिक लोकतंत्र था, मौजूदा भाजपा में इसकी कमी है. प्रतीकात्मक राजनीति स्वीकार्य हीं, हम पूर्व में किए गए कार्यों पर बात करेंगे.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए मैं बीजेपी के अपने पुराने साथियों से बात करूंगा. राष्ट्रपति चुनाव निरंकुश शक्ति की विचारधारा और उससे आजादी की लड़ाई है. उन्होंने ने कहा कि आभारी हूं विपक्षी दलों का जो एक साथ आए और मुझे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया.
'मैं 10वें नंबर पर भी होता तब भी स्वीकार करता'
सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं चौथी पंसद हूं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि अगर में दसवें नंबर पर भी होता तो स्वीकार करता और इस लड़ाई में अपना योगदान देता. यह दो व्यक्तियों की लड़ाई नहीं है. यह पद गरिमा का प्रतीक है. मेरे नाम की घोषणा पहले हुई. सरकार ने कोई गंभीर कोशिश नहीं की. बस औपचारिकता की.
राहुल, अखिलेश समेत कई नेता नामांकन में शामिल
बता दें कि यशवंत सिन्हा के संसद भवन में नामांकन दाखिल करने के दौरान विपक्षी दलों के दिग्गज नेता भी साथ थे. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव, एनसीपी के प्रमुख शरद पवार, सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी समेत विपक्ष के अन्य नेता मौजूद रहे. राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा का मुकाबला एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से है.
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जिस BJP का मैं हिस्सा था, उसमें लोकतंत्र था लेकिन अब... यशवंत सिन्हा का तंज