डीएनए हिंदी: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधायकों की पेंशन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब से पंजाब में किसी भी विधायक को एक ही पेंशन दी जाएगी जबकि इससे पहले ऐसा नहीं था. पहले नेता जितनी बार विधायक बनते थे उन्हें उतनी बार पेंशन दी जाती थी. आइए आपको भारत के विधायकों और सांसदों की पेंशन के बारे में विस्तार से बताते हैं.
फैसले से 80 करोड़ की होगी बचत
पुराने पेंशन फार्मूले के अनुसार पंजाब के लाल सिंह, राजिंदर कौर, सरवन सिंह फिलोर जैसे नेताओं को हर महीने 3 लाख 25 हजार रुपये दिए जाते थे. वहीं रवि इंदर सिंह, बलविंदर सिंह को हर महीने 2 लाख 75 हजार रुपये मिलते थे. 10 बार विधायक बनने पर किसी विधायक को 6 लाख 62 हजार प्रति माह पेंशन दी जाती थी. अब से पंजाब के सभी विधायकों को हर माह 75 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी. ऐसा करने से पांच सालों में 80 करोड़ से ज्यादा की बचत होने का अनुमान है.
विधायकों की पेंशन को लेकर है ये प्रावधान
विधायकों की पेंशन को लेकर भारत में प्रावधान है कि कोई भी नेता जितनी बार चुनाव जीतता है उसे उतनी बार पेंशन दी जाती है. इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी नेता पूर्व सांसद या विधायक की पेंशन लेने के दौरान अगर फिर मंत्री बन जाता है तो उसे मंत्री पद का वेतन और पेंशन भी दी जाती है.
पढ़ेंः Yogi Adityanath का शपथग्रहण आज, मंत्रिमंडल में इन नेताओं को मिल सकती है जगह
जानिए विधायकों और सांसदों की पेंशन
एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में विधायकों को 35 हजार और सांसदों को 25 हजार रुपये की पेंशन दी जाती है. वहीं भारत में विधायक को हर महीने 1.10 लाख रुपये दिए जाते हैं. इसमें 35 हजार निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 10 हजार टेलीफोन भत्ता, 10 हजार चिकित्सा भत्ता, 15 हजार अर्दली-ऑपरेटर के, 10 हजार लेखन-डाक भत्ता और 35 हजार महीना पेंशन के दिए जाते हैं.
वहीं सांसद को हर महीने 2.05 लाख रुपये मिलते हैं जिसमें 1 लाख रुपये वेतन, 45 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और 2 हजार रुपये रोज कार्यालय भत्ता यानी महीने के 60 हजार रुपये दिए जाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं सांसदों को ट्रेन के सेकंड एसी कोच में यात्रा करने की भी छूट मिलती है.
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.
- Log in to post comments