Bengal Political Crisis: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ भड़के जनाक्रोश के बीच एक बार फिर राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली पहुंचे हैं. 10 दिन में दूसरी बार शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मु्लाकात की है. राज्यपाल की शाह के साथ इस मीटिंग के बाद एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कयासबाजी शुरू हो गई है. यह मुलाकात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रेप को लेकर दिए उस बयान के बाद हुई है, जिसे पश्चिम बंगाल में केंद्रीय हस्तक्षेप की तैयारी माना गया था. अब तक केंद्र सरकार ने भी इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, जिसे बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की मौन स्वीकृति माना जा रहा है.
राज्यपाल ने शाह को दी बंगाल के हालात की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल बोस शुक्रवार सुबह करीब 11.30 बजे अमित शाह से मिलने के लिए पहुंचे हैं. इस मुलाकात में उन्होंने कोलकाता के RG Kar Medical College and Hospital में ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी भरे रेप और उसकी हत्या के मामले में चल रही कार्रवाई की जानकारी दी है. साथ ही इस केस के बाद राज्य में बिगड़े हालात और जनता में फैले रोष को लेकर भी रिपोर्ट दी है.
10 दिन पहले राष्ट्रपति को सौंपी थी रिपोर्ट
इससे पहले राज्यपाल बोस करीब 10 दिन पहले दिल्ली पहुंचे थे. तब उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की थी. उस समय भी उन्होंने आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी थी. तब भी इसे ममता बनर्जी की सरकार की उल्टी गिनती बताया गया था.
राज्यपाल लगातार हो रहे हैं ममता बनर्जी के खिलाफ हमलावार
राज्यपाल बोस की शाह से यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब राज्य में माहौल भड़का हुआ है. छात्रों ने राज्य सचिवालय को घेरने की कोशिश की है, जिसके बाद उनके ऊपर जबरदस्त लाठीचार्ज किया गया था. इस लाठीचार्ज में बहुत सारे छात्र घायल हुए हैं. इससे माहौल भड़का हुआ है. भाजपा ने भी इस मुद्दे पर बंगाल बंद का आयोजन किया था, जो पूरी तरह सफल रहा है. खुद राज्यपाल बोस भी ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रहे हैं. उन्होंने आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद कानून-व्यवस्था को संभालने में ममता सरकार को विफल बताया था. साथ ही उन पर बंगाल पुलिस के अपराधीकरण का भी आरोप लगाया था. राज्यपाल ने बंगाल में लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि ममता बनर्जी को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर कहा था कि जो कुछ भी किया जाएगा, वो संविधान के दायरे में रहकर ही होगा.
ममता भी लगा रही केंद्र पर साजिश के आरोप
ममता बनर्जी को खुद भी अपनी सरकार गिरने का डर सता रहा है. ये बात वे कई बार सार्वजनिक मंचों से जाहिर कर चुकी हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल में चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है. वे पीएम मोदी को बंगाल में हिंसक आंदोलन के चलते धमकी भी दे चुकी हैं कि यदि बंगाल जलेगा तो दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र समेत पूरा देश सुलगेगा.
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