डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं. अब आजम खान से जुड़े मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट पर सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आजम खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है तो फिर एक मामले को लेकर हाई कोर्ट इतनी देरी क्यों कर रहा है?
आजम खान की जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 5 महीने से आदेश लंबित होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 137 दिन बीतने के बाद आज तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है. जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आई गवई की बेंच ने सुनवाई 11 मई के लिए टाल दी है.
यह भी पढ़ें: Jammu-Kashmir में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी, हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर अशरफ मौलवी ढेर
यदि हाई कोर्ट आदेश नहीं देता तो हम दखल देंगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में कोई आदेश नहीं देता है तो हम दखल देंगे. आजम खान की जमानत याचिका पर गुरुवार को भी फैसला नहीं हो पाया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ को एक वकील ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को भी आजम खान की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. अपनी याचिका में आजम खान ने उत्तर प्रदेश के रामपुर के अजीम नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज केस क्राइम नंबर 312, दिनांक 19.09.2019 की एफआईआर में अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया है.
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें.
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.
- Log in to post comments
Azam Khan की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी