डीएनए हिंदी: आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा (Rajesh Kotecha) ने कहा है कि आयुष मंत्रालय, आयुर्वेदिक इलाज के लिए बीमा कवरेज लाने की कोशिश कर रहा है. बीमा कवरेज को लेकर भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के साथ मंत्रालय की बातचीत चल रही है.
राजेश कोटेचा ने न्यूज-18 के साथ हुए इंटरव्यू में यह बात कही है. 2013 में ही विशेष प्रावधानों के साथ आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को कवर करने वाले आयुष ट्रीटमेंट को IRDAI ने शामिल किया था. सितंबर 2016 में, आयुष मंत्रालय ने अलग-अलग ट्रीटमेंट के लिए बीमा कवरेज को लेकर निर्देश दिया था. इसमें उपचार की अलग-अलग पद्धतियां शामिल की गई थीं.
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कितनी बीमा कंपनियों ने दी है सहमति?
राजेश कोटेचा ने कहा, '27 बीमा कंपनियों ने आयुष उपचार के लिए मंजूरी दी. अब कंपनियां 140 से ज्यादा पॉलिसी लेकर आईं हैं, जिनमें अलग-अलग इलाज को कवर किए जाने की योजना है.' उन्होंने कहा है कि मंत्रालय IRDAI के साथ आयुष अस्पतालों और डे केयर सेंटरों के बीमा कवरेज को लेकर भी चर्चा कर रहा है.
हालांकि राजेश कोटेचा ने आगे विस्तार से नहीं बताया कि किस तरह के पैकेज पर चर्चा हो रही है. मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाले पैकेजों के साथ-साथ दूसरे प्रस्तावों पर भी विचार कर रहा है.
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लंबी खिंच सकती है प्रक्रिया!
आयुष्मान भारत के पैकेज को अभी भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. कुछ कंपनियां बीमा पैकेज पेश कर रही हैं लेकिन IRDAI की मंजूरी अभी लंबित है. अस्पताल में भर्ती होने की कुछ प्रक्रियाएं हैं, जिन पर कंपनियों के साथ चर्चा चल रही है. अगर ऐसा हुआ तो एक बड़ी आबादी को लाभ मिल सकता है.
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