डीएनए हिंदी: Ayodhya Ram Mandir Inauguration Latest News- मुगलों के पहले बादशाह बाबर (Mughal ruler Babar) को अयोध्या में रामलला का मंदिर तोड़कर उसकी जगह बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) बनवाने का दोषी माना जाता है. लेकिन अब बाबरी मस्जिद की जगह विशाल और भव्य राम मंदिर बन रहा है, जो पूरा होने के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा. रामलला के इस भव्य मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आगामी 22 जनवरी को संपन्न होगा, जिसे वैश्विक आयोजन बनाने की तैयारी चल रही है. इस समारोह के लिए 4,000 से ज्यादा अतिथियों को न्योता भेजा गया है, जबकि रामलला के अभिषेक समारोह (Ram Lalla Consecration Ceremony) के लिए जगह-जगह से खास वस्तुएं मंगाई जा रही हैं. अब इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से मुगल बादशाह बाबर का भी नाता जुड़ गया है. दरअसल रामलला के अभिषेक के लिए उज्बेकिस्तान से पवित्र पानी मंगवाया गया है, जहां की प्राचीन फरगान रियासत में मुगल बादशाह बाबर पैदा हुआ था. इसके अलावा पाकिस्तान, चीन, दुबई और अंटार्किटका से भी अभिषेक के लिए जल मंगाया गया है.
पिछले साल अप्रैल में भारत पहुंच चुका है यह जल
Zee News के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में ही दिल्ली से भाजपा के पूर्व विधायक रह चुके विजय जौली ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उन्हें 155 देशों के पवित्र पानी से भरा मटका सौंपा था. उस समय इसकी तस्वीरें भी सामने आई थीं, जिन्हें गडकरी ने ऐतिहासिक बताया था.
दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के जलाभिषेक कार्यक्रम के लिए एकत्रित 155 देशों का पवित्र जल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आवास पर लाया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2023
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "155 देशों से पावन जल लाया गया है, ये बहुत ही ऐतिहासिक है। मैं विजय जोली और उनके सहयोगियों को इस कार्य… pic.twitter.com/NYdPP2rKzE
हर धर्म के लोग दे रहे हैं राम लला के अभिषेक में सहयोग
विजय जौली ने दावा किया था कि सभी धर्मों के लोग राम लला को उनके घर में स्थापित करने में सहयोग दे रहे हैं. सऊदी अरब के हिंदू तो ईरान की मुस्लिम महिलाओं ने अभिषेक के लिए जल भेजा है. कजाकिस्तान के ताज मोहम्मद ने अपने यहां की मुख्य नदी का पानी भेजा है तो कीनिया में बसे सिख समुदाय के लोगों ने वहां का जल भेजा है.
पाकिस्तान के सिंधी हिंदुओं ने भी भेजा है जल
पाकिस्तान में भारत से बंटवारे के बाद से ही हिंदुओं की जनसंख्या लगातार घटी है. इसके बावजूद वहां की धरती पर हिंदू धर्म के जिंदा होने का सबसे बड़ा कारण सिंध प्रांत का हिंदू समुदाय है, जो अपने ऊपर तमाम तरह के अत्याचार और धर्मांतरण के दबाव के बावजूद अपनी आस्था पर टिका हुआ है. इस सिंधी हिंदू समुदाय ने भी भगवान राम के अभिषेक के लिए जल भेजा है. जौली के मुताबिक, यह जल कुछ दिन पहले एक बड़े कलश में भरकर विश्व हिंदू परिषद के प्रोटेक्टर पैनल के मेंबर दिनेश चंद्रा को सौंपा गया था, जिसे रामलला के अभिषेक समारोह में इस्तेमाल किया जाएगा.
17 जनवरी को प्रथम दर्शन देंगे रामलला
राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) में रामलला की कौन सी मूर्ति लगेगी, ये फैसला हो चुका है. रामलला की इस मूर्ति के सबसे पहले दर्शन 17 जनवरी को कराए जाएंगे, जब उन्हें अयोध्या नगरी में भ्रमण के लिए निकाला जाएगा. इसके बाद 22 जनवरी को इस मूर्ति का अभिषेक कर उन्हें मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा.
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मुगल बादशाह बाबर का भी जुड़ेगा रामलला के अभिषेक से नाता, जानिए क्या है पूरी योजना