डीएनए हिंदी: राजस्थान में गहराया राजनीतिक संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात की. गहलोत ने कहा कि मैं कभी कांग्रेस हाईकमान को चुनौती नहीं दूंगा. रविवार को जयपुर में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद गहलोत ने पहली बार सोनिया गांधी से बात की है. बताया जा रहा है कि इस दौरान गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष को मनाने की कोशिश की है. इस बीच कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने दावा किया कि अशोक गहलोत अभी भी अध्यक्ष पद की रेस में बने हुए हैं.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह कराने के मूड में है. उन्होंने बताया कि गांधी परिवार गहलोत को पार्टी अध्यक्ष चुनाव में उतारना चाहती है लेकिन राजस्थान में उनके वफादार 90 से अधिक विधायकों के विद्रोह से हाईकमान परेशान है. वहीं, पार्टी सूत्रों ने एक टीवी चैनल को बताया कि अशोक गहलोत अभी भी कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में हैं, इससे अभी इंकार नहीं किया है.
दिल्ली पहुंचे सटिन पायलट
वहीं, पायलट भी मंगलवार को दिल्ली पहुंच गए हैं. सोनिया गांधी बहुत जल्द ही अध्यक्ष पद को लेकर आखिरी फैसला ले सकती हैं. इसको लेकर वह पार्टी के सीनियर नेताओं से बात कर रह हैं. सोनिया गांधी ने कल सीनियर नेता ऐके एंटनी को भी बुलाया है. उनसे राजस्थान संकट और कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चर्चा की जाएगी.
जयपुर में रविवार को हुआ था राजनीतिक ड्रामा
गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की ओर से रविवार शाम को बुलाई गई विधायक दल की बैठक को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक कई विधायकों के बागी रुख अपनाने के बाद पार्टी में नया संकट शुरू हो गया. कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी लेकिन गहलोत समर्थक कई विधायक बैठक में नहीं आए. उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर अपना त्यागपत्र सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे.
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कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में गहलोत की वापसी? राजस्थान संकट पर सोनिया गांधी से की बात