डीएनए हिंदी: Punjab News- खालिस्तानी चरमपंथी अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) गत 18 मार्च से पुलिस की पकड़ से बचकर भाग रहा है. खालिस्तान समर्थकों के बीच अमृतपाल सिंह को अपने तेवर के कारण 'Bhindranwale 2.0' कहकर बुलाया जाता है. उसे यह नाम देने का एक बड़ा कारण उसकी शक्ल में 1970-80 के दौरान पंजाब में भयानक आतंकवाद फैलाने वाले चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले से की झलक मिलना भी है. लेकिन अब इस शक्ल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल सिंह पर खुद को Jarnail Singh Bhindranwale जैसा दिखाने की सनक चढ़ी हुई थी. इस कारण उसने दुबई से भारत शिफ्ट होने से पहले अपनी शक्ल को प्लास्टिक सर्जरी से बदलवाया था. यह सर्जरी पूर्व सोवियत देश जॉर्जिया (Georgia) में हुई थी.
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दो महीने में हुई थी सर्जरी
India Today ने इंटेलिजेंस एजेंसी के सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में अमृतपाल के सर्जरी कराने का दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल सिंह की सर्जरी की जानकारी उसके एक खास करीबी ने इंटेलिजेंस को पूछताछ में दी. यह करीबी इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Act) यानी NSA के तहत असम की डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) जेल में बंद है. उसने बताया कि भारत आने से पहले अमृतपाल सिंह दो महीने के लिए जॉर्जिया में रहा था. जॉर्जिया में 20 जून, 2022 से 19 अगस्त, 2022 तक रहने के दौरान उसकी आंख की सर्जरी की गई थी. साथ ही उसके चेहरे में भी थोड़ा बदलाव किया गया था. इससे उसकी शक्ल जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसी झलक देने लगी थी. उसने बताया कि अमृतपाल पर भिंडरावाले जैसा दिखने की सनक सवार है. इसलिए वह भिंडरावाले जैसी ही पगड़ी, परंपरागत सिख पटका और अन्य सिख सिंबल पहनता है.
बता दें कौन था जरनैल सिंह भिंडरावाले
जरनैल सिंह भिंडरांवाले पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद का सबसे क्रूर चेहरा था. धर्म गुरु होने की आड़ में उसने युवाओं को अलग खालिस्तान देश बनाने के लिए बरगलाना शुरू किया था. साथ ही उन्हें हथियार रखने के लिए प्रेरित करना शुरू किया. इसके बाद उसने पूरे पंजाब में हर जगह हिंदुओं की हत्याएं करानी शुरू कर दी थीं. खुद वह अमृतसर के गोल्डन टेंपल (Golden Temple Amritsar) के अंदर छिपकर बैठ गया था ताकि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सके. पंजाब में आतंकवाद को रोजाना तेज होता देखकर आखिरकार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) में घुसने का आदेश दिया. इसे 'ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star)' नाम दिया गया. भिंडरावाले के संगठन के आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर के अंदर से फौज का भारी हथियारों के साथ सामना किया, लेकिन भारतीय फौज ने आखिरकार उन सभी को भिंडरावाले के साथ मार गिराया. इस ऑपरेशन की नाराजगी में ही इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड्स ने उसी साल हत्या कर दी थी.
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दुबई से आने की भी जांच कर रही खुफिया एजेंसियां
29 साल के अमृतपाल सिंह 29 सितंबर, 2022 को अचानक दुबई से आकर एक्टर दीप सिद्धू (Deep Siddhu) की जगह वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) संगठन का चीफ बन गया. इसके लिए मोगा जिले के रोड गांव में बाकायदा समारोह आयोजित किया गया. यह जरनैल सिंह भिंडरावाले का ही गांव है. खुफिया एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि अमृतपाल दुबई से अचानक क्यों आया और उसे किसके इशारे पर वारिस पंजाब दे का चीफ बनाया गया.
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भगोड़े खालिस्तानी Amritpal Singh ने कराई है चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी, Bhindranwale से है इसका कनेक्शन