डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- उत्तर प्रदेश के बाहुबली डॉन मुख्तार अंसारी के परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गैंगस्टर केस में निचली अदालत से मिली 4 साल की सजा पर रोक लगा दी है. इससे अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता दोबारा बहाल होने की राह खुल गई है. अदालत से 2 साल से ज्यादा कैद की सजा मिलने के कारण उत्तर प्रदेश की गाजीपुर लोकसभा सीट से 1 मई को बसपा सांसद अफजाल को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि अफजाल को संसद में दोबारा एंट्री कई तरह की शर्तों के साथ मिलेगी, जिससे उन्हें इस सदस्यता के बहाल होने का बहुत ज्यादा लाभ नहीं होने जा रहा है. लेकिन सजा पर रोक लगने से अफजाल अंसारी के अगले साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में उतरने की भी राह खुल गई है. अफजाल अंसारी 5 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट को 30 जून तक करना होगा सजा पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट में अफजाल अंसारी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने की. इस मामले में बंटा हुआ फैसला सामने आया है. जहां जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइयां ने सजा पर रोक का फैसला दिया, वहीं जस्टिस दत्ता ने इसका विरोध किया. सजा पर रोक लगाने वाले जजों ने संसदीय क्षेत्र की जनता का सदन में अपना जनप्रतिनिधि होने के अधिकार का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि यदि सजा पर रोक नहीं लगती तो दोबारा चुनाव होने चाहिए. बेंच ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट को भी निर्देश दिया है. बेंच ने हाई कोर्ट से अफजाल अंसारी की उस याचिका पर 30 जून तक फैसला लेने के लिए कहा, जिसमें अंसारी ने निचली अदालत से मिली सजा को चुनौती दी है.
यह रहेंगी अफजाल अंसारी पर रोक
- अफजाल अंसारी लोकसभा की कार्यवाही में सांसद के तौर पर भाग ले सकते हैं.
- लोकसभा के अंदर किसी भी मतदान में अफजाल अंसारी वोट नहीं डाल सकते हैं.
- अफजाल अंसारी को सांसद के रूप में किसी भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा.
कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर केस में मिली थी सजा
अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़े यूपी गैंगस्टर एक्ट के मामले में सजा हुई थी. गाजीपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल को अफजाल को 4 साल और मुख्तार को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. जनप्रतिनिधि कानून के तहत किसी भी सांसद या विधायक को दो साल से ज्यादा कैद की सजा होने पर उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है. साथ ही उसके चुनाव लड़ने पर भी 6 साल की रोक लग जाती है.
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यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी के परिवार को राहत, भाई अफजाल अंसारी बने रहेंगे सांसद, पर रहेगी ये रोक