एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि केरल के एक स्टूडेंट एक्टिविस्ट और स्वघोषित स्वतंत्र पत्रकार को महाराष्ट्र के नागपुर में कथित तौर पर 'भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी' करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.केरल के एर्नाकुलम जिले के निवासी 26 वर्षीय रेजाज एम शीबा सिद्दीक को बुधवार को हिरासत में लिया गया. नागपुर में पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने वाली उनकी महिला मित्र को भी अलग से गिरफ्तार किया गया, हालांकि पुलिस ने उनके खिलाफ सटीक आरोपों का उल्लेख नहीं किया.
लकड़गंज पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) के अनुसार, सिद्दीक ने ऑपरेशन सिंदूर की निंदा करते हुए इंस्टाग्राम पर सोशल मीडिया पोस्ट किए थे, जो पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा हाल ही में किया गया हमला था, और नक्सलियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियानों की भी आलोचना की थी.
सिद्दीक पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें धारा 149 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी करना), धारा 192 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसावे की कार्रवाई करना), धारा 351 (आपराधिक धमकी) और धारा 353 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए उकसाने वाले बयान) शामिल हैं.
पुलिस का दावा है कि सिद्दीक के पास ऐसी सामग्री थी, जिससे कथित तौर पर उसके इरादों पर संदेह पैदा होता है. उनके बैग में कथित तौर पर प्रोफेसर जीएन साईबाबा पर एक किताब थी, जिन पर पहले नक्सलवाद से कथित संबंधों के लिए मुकदमा चलाया जा चुका है, और मार्क्सवाद-लेनिनवाद पर एक और किताब थी.
एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि उनके पास अंग्रेजी में लिखा एक पत्र मिला है, जिसमें भारत सरकार के नक्सल विरोधी अभियानों की आलोचना की गई है और 'भारतीय राज्य और (प्रतिबंधित) सीपीआई (माओवादी) के बीच शांति वार्ता'का आह्वान किया गया है.
डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एसोसिएशन की केरल राज्य समिति की सदस्य निहारिका प्रदौश, जिससे सिद्दीक संबद्ध हैं, ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा है कि वह दिल्ली से केरल लौटते समय अपने एक मित्र से मिलने नागपुर में थे. उन्होंने कहा कि वह भारत में जेल में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग करने वाले कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए दिल्ली आए थे.
प्रदौश ने आगे कहा कि सिद्दीक 'मकतूब मीडिया' और 'द ऑब्जर्वर पोस्ट' जैसे प्लेटफॉर्म पर एक लेखक के रूप में योगदान देते हैं और जातिगत भेदभाव, सांप्रदायिक हिंसा, राज्य दमन और हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
इस बीच, कथित तौर पर 'कानूनी मांग के जवाब में' भारत में मकतूब मीडिया के एक्स हैंडल को रोक दिया गया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने गुरुवार को कहा कि उसे भारत सरकार से कार्यकारी आदेश मिले हैं कि भारत में 8,000 से अधिक अकाउंट ब्लॉक किए जाने हैं. कथित तौर पर मकतूब मीडिया उनमें से एक था.
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