डीएनए हिंदी: देश की सबसे प्रतिष्ठित यूनियवर्सिटी यानी जेएनयू (JNU) एक बार फिर विवादों में हैं. रामनवमी पर पूजा करने और मीट विवाद को लेकर लेफ्ट समर्थकों और एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच टकराव की स्थिति आ गई जिसके बाद दोनों गुटों में मारपीट तक की नौबत आ गई. छात्रों का कहना है कि पुलिस दोपहर में ही आ गई थी जिसके बावजूद रात में दोनों गुटों के बीच मारपीट और हिंसक झड़प हुई है. वहीं अब इस मामले में दिल्ली के वसुंत कुंज थाने में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
पुलिस ने बताया है कि जेएनयू परिसर में मारपीट और हिंसक झड़प को लेकर केस दर्ज कर लिया गया है और जांच भी शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस ने बताया हमें अज्ञात एबीवीपी छात्रों के खिलाफ जेएनयूएसयू, एसएफआई, डीएसएफ और आइसा के छात्रों के एक समूह से सुबह 11/4/22 की शिकायत मिली, जिसके बाद हमने धारा -323/341/509/506 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है. वहीं इस मामले में तथ्यात्मक साक्ष्य एकत्र करने और दोषियों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है.
ABVP ने जारी किया वीडियो
वहीं दूसरी ओर एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने भी सूचित किया है कि वे आज सुबह शिकायत दर्ज कराएंगे. पुलिस ने कहा है कि आवश्यकनुसार उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जेएनयू में हुई हिंसा पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में जेएनयू में वामपंथी संगठन SFI के प्रेसिडेंट (अध्यक्ष) हरेंद्र शेषमा (Orange stip shirt) पत्थर फेंकते हुए दिख रहे हैं. साथ ही छात्रों के गुटों की लड़ाई में दोनों गुटों के छात्रों के हाथ में लाठी दिख रही है जिससे वे एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं.
वाम संगठनों पर लगाए आरोप
वहीं कावेरी होस्टल की मेस कमेटी के नाम से जो लेटर वामपंथी छात्र संगठन AISA ने जारी किया था उसे ABVP ने फ़र्ज़ी करार दिया है और दावा किया की इस पत्र को मेस कमेटी की जगह जेएनयू के कावेरी होस्टल में वामपंथी छात्र गुट AISA के अध्यक्ष पंकज ने लिखा है. इसके साथ ही ABVP ने AISA से पूछा है कि लेटर में AISA JNU के अध्यक्ष के हस्ताक्षर को क्यों AISA ने जारी करते समय छिपा दिया और इसको सार्वजनिक नहीं किया.
A fake letter produced by @AISA_tweets to propagate their false propaganda. A letter written by @aisajnu president claimed as that of hostel committee. If nothing was wrong, why hide your presidents name?
— Sidharth Yadav (@SidharthYadavIN) April 10, 2022
Intolerance towards Ramnavmi poojan led to this orchestrated act by Left https://t.co/g9VIzbnWVz pic.twitter.com/IYHlygUtrT
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आपको बता दें कि AISA के कावेरी होस्टल मेस कमेटी के नाम से एक पत्र जारी किया था जिसमें कहा गया था चिकन लेकर आये कर्मी के साथ मारपीट की गई. ABVP के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर सिद्धार्थ यादव ने दावा किया है इस पत्र में AISA ने चौथे नंबर पर कावेरी हॉस्टल के अपने अध्यक्ष पंकज के हस्ताक्षर छिपाए थे.
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