देश-दुनिया से कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने हर साल यूक्रेन जाते हैं.अब जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया है, तब यूक्रेन में कई मेडिकल के छात्र बुरी तरह फंस गए हैं. उन्हें वहां से निकालकर देश वापस लाने की कोशिशें जारी हैं, मगर तब तक यूक्रेन का मंजर उनके परिवार वालों में हर पल डर पैदा कर रहा है.यूक्रेन में फंसे पश्चिम बंगाल के छात्रों पर के.टी.अल्फी की एक रिपोर्ट-
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रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच भारत के भी करीब 18000 लोग यूक्रेन में फंसे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर की दो जुड़वां बहनें और हावड़ा जिले के 100 छात्र भी शामिल हैं. इनके माता पिता ने सरकार से गुहार लगाई है ताकि इन्हें जल्द से जल्द वापस भारत लाया जा सके.
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बचपन से ही रुमकी और झुमकी को डॉक्टर बनना था. दुर्गापुर के केक ओवन थाना इलाके के रतुरिया ग्राम में रहने वाली ये दोनों जुड़वां बहनें पिछले साल दिसंबर में ही यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटी में गई थीं. लेकिन अचानक स्थिति ऐसी बदली कि अब यूनिवर्सिटी के कमरे से यह बच्चे सीधे यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में पहुंच गए हैं ताकि अपनी जान बचा सकें.
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आखिर बार इन दोनों बहनों ने शुक्रवार की सुबह अपने घर पर बात की थी. अब उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. बिना भोजन और पानी के कड़ाके की ठंड में मेडिकल के ये छात्र यहां फंसे रहने पर मजबूर हैं. वहीं भारत में इनके घरवालों को चिंता सता रही है कि अपने बच्चों को वापस कैसे लाएं.
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पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के भी लगभग 100 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. यह सभी छात्र अपनी जान बचाने के लिए हॉस्टल के नीचे वाले बंकर में जा छुपे हैं. इनमें से एक छात्रा का नाम देबारती दास है.देबारती करीब दो साल पहले यूक्रेन गई थीं. उन्होंने अपने घर पर की गई बातचीत में बताया कि बंकर के बाहर निकलने की हिम्मत किसी में नहीं है, क्योंकि ऊपर सिर्फ बम के धमाके और गोलियां चल रही हैं.