गणतंत्र दिवस (Republic Day) देश का राष्ट्रीय पर्व है. हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस का इंतजार देश को सालभर रहता है. देश के अलग-अलग हिस्सों में, दफ्तरों और स्कूलों में इस अवसर पर कार्यक्रम देखने को मिलते हैं. भारत का संविधान 1050 में लागू हुआ था. स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. आइए जानते हैं इस पवित्र दिन से जुड़ी कुछ खास बातें.
Slide Photos
Image
Caption
26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था. 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था. यही वजह है कि यह दिन भारत के लिए बेहद खास है.
Image
Caption
हमेशा गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ ही नहीं होती थी. 1950 और 1954 के बीच, गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम (Irwin Stadium) (अब नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित किए गए थे.
Image
Caption
राजपथ पर 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किए जाते रहे हैं. राजपथ को कभी भारत के तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में किंग्सवे (Kingsway) के नाम से जाना जाता था. आजादी के बाद सड़क का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया, जिसका हिंदी में मतलब किंग्स वे भी होता है.
Image
Caption
हर साल वर्ष, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में किसी विशेष राष्ट्र के नेता को आमंत्रित किया जाता है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे. 55 साल में पहली बार यह होगा जब कोई भी अतिथि नहीं आ रहा है.
Image
Caption
परेड भारत के राष्ट्रपति के आगमन के बाद शुरू होता है. राष्ट्रपति के घुड़सवार अंगरक्षक पहले राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं. राष्ट्रगान बजाया जाता है, इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है. हालांकि, फायरिंग के दौरान 21 तोपों की सलामी नहीं दी जाती. शुरुआत भारतीय सेना के सात तोपों के साथ किया जाता है जिन्हें '25-पॉन्डर्स' के नाम से जाना जाता है. इनके जरिए हर राउंड में तीन फायर करते हैं.
Image
Caption
परेड मार्च में तीनों सेनाएं हिस्सा लेती हैं. जांच में हिस्सा लेने वाली सेनाओं को 4 स्तरीय जांच से गुजरना होता है. उनके हथियों का बड़े पैमाने पर निरीक्षण किया जाता है. यह भी देखा जाता है कि कहीं उनके पास जिंदा गोलियां (live bullets) तो नहीं हैं.
Image
Caption
पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था. इस दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण किया था और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था. तब से हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.
Image
Caption
भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम पहली बार 23 जनवरी से ही शुरू हो चुका है. सुभाष चंद्र बोस की जयंती से इसकी शुरुआत हो चुकी है. हर साल यह पर्व 24 जनवरी से शुरू होता था. प्रसिद्ध इंडिया गेड पर अमर जवान ज्योति भी नजर नहीं आएगी. अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में मिला दिया गया है.
Image
Caption
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं यह बेहद अहम सवाल है. दरअसल 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था. इस दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था. 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था. 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख बेहद खास थी. इस दिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया.
Image
Caption
हर साल की तरह देश के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आयोजित समारोह में ध्वजारोहण करेंगे. गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति को भव्य परेड की सलामी दी जाती है. अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और राज्यों में मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. इस साल भी कोरोना प्रतिबंधों के दायरे में यह सब होगा.