चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अब कोई संशय नहीं रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि उन्होंने कांग्रेस के लिए 2024 लोकसभा चुनाव के लिए 600 स्लाइड की प्रजेंटेशन में पूरा ब्लूप्रिंट तैयार करके दिखाया है. साथ ही, खबर है कि उन्होंने सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की भूमिका भी तैयार किया है. समझें 5 पॉइंट में पीके ने कांग्रेस के लिए क्या रणनीति तैयार की है.
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पीके ने अपने ब्लूप्रिंट की जो खास बात बताई है उसमें जोर दिया गया है कि कांग्रेस को पूर्व और दक्षिण की 200 सीटों पर फोकस करने की जरूरत है. पीके ने इसके पीछे तर्क दिया है कि इन 200 सीटों पर फिलहाल बीजेपी की मजबूत पकड़ नहीं है. ऐसे में कांग्रेस के लिए बेहतर विकल्प है कि वह पूर्व और दक्षिण की इन सीटों पर फोकस करे.
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सूत्रों का कहना है कि पीके ने कांग्रेस को कई राज्यों में अकेले चुनाव लड़ने के बजाय गठबंधन की आक्रामक राजनीति करने की सलाह दी है. पीके ने अपने प्रजेंटेशन में कहा है कि कांग्रेस जितना जोर गठबंधन बनाने पर लगाएगी उसके लिए चुनाव में अपनी पकड़ बनाना उतना ही मजबूत होगा. सूत्रों का कहना है कि पीके ने खास तौर पर कहा है कि कांग्रेस गठबंधन और जिला स्तर पर नेताओं में बदलाव की बहुत जरूरत है. पंचायत और जिला स्तर पर गठबंधन को मजबूत करने के लिए खास जिला लेवल पर नए तेज-तर्रार नेताओं की नियुक्ति की जानी चाहिए.
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सूत्रों का कहना है कि पीके ने गांधी परिवार के तीनों सदस्यों की मौजूदा भूमिका में बदलाव का सुझाव दिया है. अगर पीके की सिफारिशें मान ली जाती हैं तो सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन रहेंगी लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहेंगी. साथ ही, उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी सिर्फ महासचिव की भूमिका नहीं निभाएं बल्कि उन्हें महासचिव संयोजक की भूमिका निभानी चाहिए. राहुल गांधी के लिए पीके के ब्लूप्रिंट में संसदीय दल का नेता बनने का सुझाव है.
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सूत्रों का कहना है कि पीके ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को अपनी वंशवादी और यूपीए 2 में हुए भ्रष्टाचार की छवि को बदलने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि पार्टी का अध्यक्ष परिवार से बाहर का कोई सदस्य हो. साथ ही, पीके ने यह भी सुझाव दिया है कि कांग्रेस देश के लिए कितनी जरूरी है, इसका मैसेज लोगों तक पहुंचना चाहिए.
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प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को पीएम मोदी पर आक्रामक हमले करना चाहिए. पीके का इसके लिए सुझाव है कि मोदी पर व्यक्तिगत हमले करने के बजाय पुरजोर अंदाज में उनकी नीतियां किस तरह देश के लिए हानिकारक हैं, इस पर काम करना चाहिए. पीके ने मोदी पर हमले के लिए कुछ नए नारे भी 'हानिकारक मोदी' और 'मोदी की विदाई' जैसे नारों का सुझाव दिया है.