PM Narendra Modi ने आज इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया है. आजाद हिंद फौज के संस्थापक की विरासत को लेकर राजनीतिक संग्राम जारी है. इन सबके बीच यह भी ध्यान रखने की बात है कि नेताजी की प्रतिमा को इंडिया गेट पर लगाने के पीछे गहरे सांकेतिक अर्थ भी हैं. ग्रेनाइट की इस प्रतिमा में क्या खास है, जानें सब कुछ
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत और उन्हें उचित सम्नान नहीं मिलने के आरोप दशकों तक राजनीति में छाए रहे हैं. नेताजी की लोकप्रियता भले ही पूरे देश में हो लेकिन उनकी प्रतिमा को दिल्ली के बीचों-बीच स्थापित कर पीएम ने बंगाल ही नहीं पूरे देश के लिए बड़ा संदेश दिया है. आजादी के नायाब नायकों को सम्मान देकर पीएम ने गौरवशाली अतीत और परंपरा के सम्मान से पूरे देश को जोड़ने की कोशिश की है.
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28 फीट ऊंची ग्रेनाइट से बनने वाली इस प्रतिमा को ओडिशा के प्रसिद्ध मूर्तिकार अद्वैत गडनायक बना रहे हैं. नेताजी की भव्य प्रतिमा बनाने के लिए काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर तेलंगाना के खम्मम जिले से लाया गया है. जेट ब्लैक ग्रेनाइट में यह प्रतिमा उकेरी गई है. खम्मम से ही राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के लिए भी पत्थर लाया गया था. जब तक प्रतिमा पूरी नहीं हो जाएगी तब तक के लिए होलोग्राम प्रतिमा लगाई गई है.
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बता दें कि नेताजी का जन्म ओडिशा में हुआ था और बंगाल से उनका ताल्लुक रहा है. आज भी उनके परिवार के लोग कोलकाता में रहते हैं. दिल्ली में नेताजी की प्रतिमा लगाकर पीएम ने एक साथ ही ओडिशा और बंगाल को उनके महानायक का सत्कार कर जोड़ने का काम किया है. बीजेडी ने पहले ही सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि ओडिशा के लिए यह भावुक और गौरव का क्षण है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम की कुर्सी संभालने के बाद से ही राष्ट्रवादी धड़े के नायकों के सम्मान और सत्कार के लिए खास पहल की है. इससे पहले गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल प्रतिमा 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' भी बनाई गई है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को भी राजधानी में लगाकर सरकार ने राष्ट्रनायकों के प्रति सम्मान का संदेश देश को दिया है.