राजस्थान के जोधपुर जिले में ईद के दिन हुए उपद्रव के सिलसिले में अभी तक 141 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि शहर में मंगलवार से लागू कर्फ्यू लगातार दूसरे दिन आज बुधवार को भी जारी रहा. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शहर में अब शांति है. राज्य के पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने जयपुर में बताया कि जोधपुर शहर में स्थिति नियंत्रण में है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हर संभव कदम उठा रही है.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्रकारों को बताया, "जोधपुर में अब शांति है और सद्भावना के प्रयास किए जा रहे हैं." मुख्यमंत्री के निर्देश पर जोधपुर पहुंचे गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव व अन्य ने स्थिति का जायजा लिया और पुलिस-प्रशासन को मजबूत कानून-व्यवस्था बनाये रखते हुए धारा 144 (निषेधाज्ञा) व कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. राजेंद्र यादव ने कहा, "दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा."
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राज्य के पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने बताया कि जोधपुर में शांति और सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में अभी तक कुल 141 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें से 133 को धारा 151 जबकि आठ को अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया गया है. लाठर ने बताया कि मंगलवार को ईद के दिन हुई हिंसक घटनाओं के सिलसिले में अब तक पुलिस ने चार FIR दर्ज की हैं और लोगों ने आठ प्राथमिकियां दर्ज कराई हैं. उन्होंने बताया कि उपद्रव में 9 पुलिसकर्मियों को चोट आई है और सभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.
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सोमवार आधी रात के बाद कथित रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों ने शहर के एक गोल चक्कर पर लगी स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर लगा भगवा झंडा हटाकर वहां इस्लामिक झंडा लगाया जिसका हिन्दुओं ने विरोध किया. दोनों समुदायों के बीच कहासुनी हिंसक संघर्ष में बदल गई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल भी हुए.
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मंगलवार सुबह जालोरी गेट के पास ईदगाह में ईद की नमाज के बाद कुछ लोगों ने वहां खड़े वाहनों, घरों व दुकानों पर पथराव किया. सोमवार और मंगलवार की घटनाओं के मद्देनजर प्रभावित क्षेत्रों में आला अधिकारियों सहित 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैतृक जिले जोधपुर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद की दी गई हैं और शहर के दस थाना क्षेत्रों में बुधवार मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लगाया गया है.
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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार चेते और तुष्टिकरण की नीति से बाज आए. उन्होंने कहा कि बांरा, करौली और राजगढ़ के बाद अब मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में भी साम्प्रदायिक तनाव की घटना हुई है. राजे ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी बिस्सा की प्रतिमा पर लगे भगवा झंडे को उतारने की घटना से स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश में फैला यह मजहबी उन्माद कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण संस्कृति का परिणाम है.
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केंद्रीय मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दावा किया कि पुलिस दबाव में काम कर रही है. उन्होंने कहा, "यदि इस विषय में प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई तो हम सब मिलकर जालोरी गेट पर धरना देंगे और प्रशासन को इस बात के लिए मजबूर करेंगे कि वह जोधपुर की शांति और भाईचारे को बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करे."