बिहार में एनडीए का साथ छोड़ने वाले नीतीश कुमार इन दिनों 'मिशन इंडिया' पर निकल गए हैं. राजधानी दिल्ली जाने से पहले उन्होंने अपने पुराने साथी और आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि दिल्ली में वह AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, जेडीएस नेता एच डी कुमारस्वामी के अलावा लेफ्ट दलों के नेताओं से भी मुलाकात कर रहा है. बिहार में बीजेपी को चकमा देने के बाद नीतीश कुमार इन दिनों विपक्षी पार्टियों को एकजुट करके 2024 में उसे चुनौती देने और प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे.
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राजधानी दिल्ली पहुंचते ही नीतीश कुमार ने सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं ने देश के मौजूदा हालात और विपक्ष की एकजुटता को आगे बढ़ाने की दिशा में बात की है. एक तरफ नीतीश कुमार जहां विपक्षी पार्टियों को जोड़ने में लगे हैं वहीं राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी 7 सितंबर से 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने जा रही है. जेडीयू और नीतीश कुमार की कोशिश है कि नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के इस मिशन में कांग्रेस भी साथ रहे ताकि तीसरे मोर्चे जैसी कोई स्थिति न बने.
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बिहार की सत्ता से बीजेपी को बाहर करने में लालू-नीतीश की पुरानी दोस्ती ही काम आई है. इन दिनों नीतीश कुमार अपने पिछले फैसले को बड़ी भूल बता रहे हैं. गठबंधन सरकार बनाने के बाद पहली बार दिल्ली जा रहे नीतीश कुमार ने कभी अपने दोस्त रहे लालू यादव से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ बिहार के डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे.
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तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी बीजेपी का खुला विरोध कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के मकसद से केसीआर ने बिहार का दौरा किया. केसीआर ने नीतीश कुमार और तेजस्वी से मुलाकात के बाद कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करेंगी.
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जेडीयू लगातार कह रही है कि नीतीश कुमार ही नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सकते हैं. नीतीश कुमार खुद भले ही यह कह रहे हों कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं लेकिन उनकी पार्टी हर मंच पर उन्हें पीएम कैंडिडेट बता दी है. आरजेडी ने भी कहा है कि अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार हो सकते हैं.
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जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन की बैठक में जिस तरह के पोस्टर लगाए गए और नारेबाजी की गई उससे यह स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय भूमिका निभाने का दांव खेलना तो ज़रूर चाहते हैं. तमाम पोस्टरों से यह संकेत दिया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को असली चुनौती सिर्फ़ नीतीश कुमार ही दे सकते हैं.
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KCR, लालू यादव के बाद राहुल गांधी से भी मिले नीतीश कुमार, तस्वीरों में देखिए सुश