हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है. कॉलेज की 6 मुस्लिम लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. याचिकाकर्ता लड़कियों का कहना है कि वह हिजाब पहनकर ही पढ़ने जाना चाहती हैं. याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हिंदू सेना की ओर से कैविएट दाखिल किया गया है. कैसे शुरू हुआ यह विवाद और अब तक क्या हुआ, देखें पूरी टाइमलाइन.
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कर्नाटक में इस विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में हुई थी. यहां उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनीं 6 छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी. कॉलेज प्रशासन ने इसके पीछे ड्रेस कोड में समानता का हवाला दिया था.
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राज्य में हिजाब के विरोध और समर्थन में बढ़ते विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने स्कूल कॉलेजों में ड्रेस कोड को अनिवार्य कर दिया था. इस आदेश में निजी स्कूलों को अपनी पसंद का ड्रेस कोड चुनने की छूट दी गई थी.
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हिजाब पहनकर कक्षाओं में प्रवेश की मांग करने वाली छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कॉलेज के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन बताया था. मामले पर एकल पीठ ने सुनवाई करने के बाद इसे 9 फरवरी को बड़ी बेंच के पास में ट्रांसफर कर दिया था.
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पूरे मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट की बड़ी बेंच ने सुनवाई 10 फरवरी को शुरू की थी. इस मामले में 11 दिनों तक हुई सुनवाई में सरकार के वकील और याचिकाकर्ताओं के वकील ने अपनी अपनी दलीलें कोर्ट के समक्ष रखी थी. 25 फरवरी को सुनवाई पूरी हो गई थी लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था.
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बता दें कि हिजाब विवाद पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट का अहम फैसला आज आया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि हिजाब इस्लामिक मान्यता में अनिवार्य नहीं है. फैसला आने के बाद से ही कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही थी. याचिकाकर्ताओं में से एक आलिया ने एक मीडिया ग्रुप से कहा कि सभी लड़कियां पढ़ाई करना चाहती हैं. हम पढ़ना चाहते हैं लेकिन हिजाब पहनकर ही कॉलेज आना चाहते हैं.