Kargil Vijay Diwas 2022: 1999 का करगिल युद्ध (Kargil War). भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) आमने-सामने थे. पाकिस्तानी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की यह जंग बेहद दिलचस्प है जिसे हर हिंदुस्तानी याद रखता है. कारगिल-द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठिये घुस आए थे. अपनी जमीन को वापस पाने की यह लड़ाई भारतीय जवानों ने बहुत शिद्दत से लड़ी थी. भारतीय सेना (Indian Army) ने युद्ध जीतने के लिए करगिल ऑपरेशन शुरू किया था. 26 जुलाई, 1999 वह दिन था जब पाकिस्तानी सेना धूल चाट चुकी थी और जीत का सेहरा हिंदुस्तान के सिर बंध चुका था. तब से, इस दिन को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में हर साल मनाया जाता है.
इस दिन हम सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता दिखाते हैं जिन्होंने पाकिस्तानी सेना द्वारा अवैध रूप से जब्त किए गए चेक पोस्ट को वापस पाने के लिए अपने जीवन की बलि दे दी. कारगिल युद्ध 3 मई से 26 जुलाई 1999 के बीच चला था. कश्मीर के करगिल जिले में और लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर लड़ी गई भीषण लड़ाई में भारत ने अपने कई वीर सपूतों को खो दिया था. करीब 60 दिनों तक चली लड़ाई में दोनों ओर के लोगों की जानें गईं थीं. भारत ने अपने सभी क्षेत्रों पर जीत हासिल कर ली थी और फिर से यथास्थिति बहाल करने में सफलता पा ली थी.
कारगिल युद्ध साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था. खून जमा देने वाली सर्दी में लड़ी गई लड़ाई कई सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान पर खत्म हुई थी. करगिल मूल रूप से लद्दाख में पड़ता है. अक्टूबर 1998 में मुशर्रफ ने करगिल प्लान को मंजूरी दी थी. करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा कर लिया था. नियंत्रण रेखा के जरिये घुसपैठ करने की साजिश थी. भारतीय नियंत्रण रेखा से पाकिस्तानी सैनिकों को हटाने के लिए ये युद्ध हुआ था जिसमें भारत विजयी हुआ था.
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साल 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध का कोड नाम ऑपरेशन विजय था. इस युद्ध के जरिए भारत ने पाकिस्तान को उसकी हद बता दी थी.
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18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराने के लिए भारतीय सेना के शूरवीरों ने ऑपरेशन विजय का इतिहास रचा. करगिल की लड़ाई बेहद खतरनाक साबित हुई थी. यह अपने तरह की अलग लड़ाई थी. भारत ने इतने कठिन परिस्थितियों में लड़ाई एक अरसे बाद लड़ी थी.
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करगिल की लड़ाई में कैप्टन विक्रम बत्रा का दिल मांगे मोर वाला डॉयलाग किसे याद नहीं होगा. यह साल 1971 के बाद पहली लड़ाई थी जब भारत-पाकिस्तान आमने-सामने थे. भारत ने हमेशा की तरह पाकिस्तान को धूल चटा दी थी.
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भारत-पाकिस्तान दोनों ने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किया था. सहमति बनी की सीमा पर कोई संघर्ष नहीं होगा. पाकिस्तान ने समझौता रद्द करके भारत पर चढ़ाई कर दी.
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करीब दो महीने से अधिक वक्त तक चले कारगिल युद्ध में अनुमानित 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 1,300 से अधिक घायल हुए थे. 14 जुलाई को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय की कामयाबी की बात कही थी. 26 जुलाई को युद्ध समाप्ति की घोषणा हो गई क्योंकि भारत यह जंग जीत चुका था.