भारत के ऐसे कई शहर है जिनका नाम कई बार बदला गया. कुछ नाम तो ऐसे हैं जो शायद कई लोगों ने सुने भी न हों. उनके लिए दिल्ली हमेशा से दिल्ली और मुंबई हमेशा से मुंबई थी.
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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को मुंबा देवी के नाम से जाना जाता था. मुंबई का नाम शहर की प्राचीन मुंबा देवी के नाम पर रखा गया था. बाद में मुगल शाषक औरंगजेब के दौर में इसका नाम बदला गया. आगे चलकर यह बॉम्बे हुआ और फिर साल 1995 में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर इस शहर का नाम मुंबई कर दिया. आज भी महाराष्ट्र में मौजूद हाई कोर्ट को बॉम्बे हाई कोर्ट कहा जाता है.
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पुराने समय से अब तक कानपुर का नाम 1 दर्जन से ज्यादा बदला जा चुका है. शहर के नाम की स्पेलिंग भी कई बार बदलती रही. इस शहर की अधिक्रत वेबसाइट kanpurnagar.nic.in के मुताबिक कानपुर का पहला नाम 'कान्हपुर' था जिसकी स्थापना हिंदू सिंह चंदेल ने की थी. आगे चलकर इसका एक नाम खानपुर भी पड़ा. वहीं आजादी के बाद साल 1948 में इस शहर का नाम कानपुर पड़ा. तब से लेकर अब तक लोग इस शहर को सिर्फ कानपुर के नाम से ही जानते हैं.
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गोवा की राजधानी पणजी का नाम भी कई बार बदला जा चुका है. पणजी शब्द का मतलब है 'वह भूमि जहां कभी बाढ़ नहीं आती'. आपको बता दें कि शुरू में पुर्तगालियों ने इस शहर का नाम पंजिम रखा था. कुछ सालों बाद इस शहर का नाम नोवा गोवा रखा गया यानी न्यू गोवा भी रखा गया. इतिहासकारों के मुताबिक आखिरकार 1961 में इस का नाम बदलकर पणजी कर दिया गया.
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अक्टूबर 2018 में योगी सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया था. इसके बाद प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हुआ. शहर का नाम बदलकर अब प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए हैं. फरवरी 2020 में प्रयागराज के चार रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए. अब इलाहाबाद जंक्शन, प्रयागराज जंक्शन बन गया है. इसके अलावा इलाहाबाद सिटी स्टेशन, रामबाग और इलाहाबाद छिवकी स्टेशन के नाम भी बदल दिए गए हैं.
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केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम का नाम भी कई बार बदला गया है. हालांकि इस शहर का नाम हिंदी भाषा में तिरुवनंतपुरम था लेकिन अंग्रेजी में इस शहर को त्रिवेंद्रम के नाम से भी जाना जाता था. 1991 में, केरल सरकार ने शहर का नाम बदलकर तिरुवनंतपुरम करने का फैसला किया था.
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FACT: कई बार बदला जा चुका है भारत के इन शहरों का नाम, जानें अपने शहर का इतिहास