एक ओर जहां पूरा देश पेट्रोल-डीजल, CNG-PNG,नींबू के बढ़े हुए दामों, गर्मी आदि की मार से परेशान है वहीं एक बार फिर से COVID-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड के 2,380 मामले सामने आए हैं और साथ ही 56 लोगों की कोरोना के कारण मौत भी हुई है. आइए ग्राफ की मदद से समझते हैं 'देश में कोरोना की स्थिति...
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पिछले 24 घंटों में 2,380 नए कोविड केस आ जाने से भारत में कुल सक्रिय केसों की संख्या 13,433 हो गई है. वहीं कोविड मामलों में देश की राजधानी दिल्ली पहले स्थान पर आ गई है. बढ़ते कोविड मामलों के कारण दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है.
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कोविड गाइडलाइन का ठीक तौर से पालन करने के कारण ही बिहार, छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में कोविड के केसों की संख्या काफी कम हुई है. एक ओर जहां बिहार में कोविड के 15 सक्रिय केस हैं वहीं अरूणाचल प्रदेश में कोविड केस जीरो हो गए हैं.
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भारत में 16 जनवरी 2021 से कोविड टीकाकरण की मुहिम शुरू हुई जिसमें सबसे पहले देश के बुर्जुगों को इसका लाभ मिला लेकिन देखते ही देखते बड़ों से लेकर बच्चों तक को वैक्सीन लगाई गई. देश को पूरी तरह से कोरोनामुक्त करने की दिशा में भारत सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. यही कारण है कि आज 187 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं.
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देशभर में जैसे-जैसे वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़ रहा है वैसे-वैसे दूसरी ओर कोविड से मरने वालों की संख्या में भी कमी आ रही है, लेकिन कोविड से होने वाली मौतों को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है. कोरोना काल में सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में हुई. यह ऐसे राज्य हैं जहां देश में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज है. फिर भी यहां कोविड से होने वाली मौतें दूसरे राज्यों के मुकाबले अधिक है.
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महाराष्ट्र की तुलना में लक्षद्वीप, मिजोरम और अरूणाचल प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम है. अधिक मेडिकल सुविधाओं के न होने के बावजूद इन सभी राज्यों ने कोविड के खिलाफ डटकर एक लंबी लड़ाई लड़ी है उसी का नतीजा है कि यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या अन्य राज्यों की तरह लाखों में नहीं है.