देश में कोविड-19 (Covid-19) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ओमिक्रॉन की वजह से देश में कोरोना की तीसरी लहर जल्द दस्तक दे सकती है. देश में जनवरी के अंतिम सप्ताह से फरवरी तक के बीच में कोरोना की तीसरी अपने पीक (Peak) पर हो सकती है.
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तीसरी लहर के दौरान हर दिन औसतन 10 लाख केस सामने आ सकते हैं. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) और इंडियन स्टेटिकल इंस्टीट्यूट (ISI) बेंगलुरु की संयुक्त स्टडी में यह आशंका जाहिर की गई है.
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स्टडी में ओमिक्रॉन संक्रमण की दर का जिक्र किया गया है. प्रोफेसर शिवा अथ्रेया (Siva Athreya) और प्रोफोसर राजेश सुदर्शन (Rajesh Sundaresan) की टीम ने यह स्टडी की है.
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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रिकवरी रेट भी बेहतर हुआ है. भारत में कोरोना संक्रमण का रिकवरी रेट 94.51% है. बीते 24 घंटों के दौरान 1,38,331 मरीज ठीक होकर घर भी लौटे हैं.
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दिल्ली में इस मॉडल के मुताबिक कोविड की लहर पीक पर जनवरी के मध्य या तीसरे सप्ताह से हो सकती है. तमिलनाडु में जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में इसका असर दिखेगा.
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स्टडी में यह आशंका पहले के संक्रमण और टीकाकरण की दर को ध्यान में रखते हुए जाहिर की गई है. आबादी का एक हिस्सा नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए अति संवेदनशील है. मॉडल के मुताबिक अतिसंवेदनशील आबादी 30, 60 या 100 फीसदी भी हो सकती है. प्रतिशत में भ्रम इस वजह से है क्योंकि अभी तक वायरस के स्वभाव पर स्टडी चल रही है कि यह खतरनाक है या नहीं.
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वायरस के प्रति संवेदनशील लोगों के प्रतिशत के आधार पर, भारत में दैनिक मामले पीक के दौरान लगभग 3 लाख, 6 लाख या 10 लाख तक सामने आ सकते हैं. दिसंबर के अंत से देश में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक इसे तीसरी लहर नहीं कहा है.