लगातार चुनावों में हार झेल रही कांग्रेस पार्टी नए सिरे से उठ खड़ी होना चाहती है. इसी क्रम में पार्टी ने उदयपुर में नवसंकल्प चिंतन शिविर आयोजित किया. इस शिविर में पार्टी के तमाम दिग्गज नेता जुटे. 13 से 15 मई तक चले इस कार्यक्रम में कांग्रेस ने किसानों, युवाओं, महिलाओं और एससी-एसटी और ओबीसी के मुद्दों पर भी जमकर चर्चा की.
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कांग्रेस के इस नव संकल्प चिंतन शिविर में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उदयपुर पहुंच गई हैं. ये नेता तीन दिन तक उदयपुर में ही रहेंगे और पार्टी के नेताओं से चर्चा करके रणनीति तैयार करेंगे. कांग्रेस कोशिश कर रही है कि अलग-अलग मुद्दों के लिए सही रणनीति बनाई जा सके.
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राहुल गांधी ने उदयपुर जाने के लिए दिल्ली से उदयपुर की ट्रेनिंग पकड़ी. ट्रेन में ही राहुल ने कुलियों से भी मुलाकात की और उनसे बातचीत की. राहुल ने कुलियों से उनकी समस्याएं जानीं और यह भी समझने की कोशिश की ठेकेदारी की वजह से उन्हें क्या दिक्कतें आती हैं. कांग्रेस नेता ने कुलियों से वादा किया है कि वह उनकी समस्याओं के समाधान के लिए भी काम करेंगे.
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राहुल गांधी जब दिल्ली के सराय रोहिला स्टेशन पर पहुंचे तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया. इसके बाद जब उनकी ट्रेन उदयपुर पहुंची तब भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बहुत गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. राहुल के स्वागत के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के अलावा सचिन पायलट और तमाम अन्य नेता भी मौजूद रहे.
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चिंतन शिविर में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस ने 430 से ज्यादा नेताओं को न्योता भेजा है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के साथ ट्रेन से ही उदयपुर पहुंचे. कांग्रेस ने सभी पदाधिकारियों, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को चिंतन शिविर में हिस्सा लेने के लिए बुलाया है.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से ही कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिल सका है. पार्टी के वफादारों की वजह से सोनिया गांधी ही कार्यकारी अध्यक्ष बनी हुई हैं. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर राहुल गांधी की वापसी होने वाली है.
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कांग्रेस की सबसे वरिष्ठ नेता और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी चिंतन शिविर में शामिल होने उदयपुर पहुंची हैं. सोनिया गांधी ने 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा ही एक चिंतन शिविर आयोजित किया था और लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी का अभियान रोक दिया था.
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी उदयपुर पहुंची हैं. प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई की थी, लेकिन वहां पार्टी का प्रदर्शन और बुरा ही हुआ. हालांकि, पार्टी के कई नेताओं का अभी भी मानना है कि प्रियंका गांधी में वो खूबियां मौजूद हैं कि वह पार्टी को आगे बढ़ा सकती हैं.
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कांग्रेस पार्टी ने किसानों के मुद्दों पर भी एक समिति बनाई थी. यह समिति हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व मे ंबनाई गई थी. हुड्डा ने राकेश टिकैत समेत तमाम किसान नेताओं से मुलाकात भी की थी. कांग्रेस के नव चिंतन शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने किसानों के मुद्दे पर भी चिंतन किया और पार्टी की रणनीति तय की.
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एक समय था कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी. अब कांग्रेस के पास नॉर्थ ईस्ट में न तो कोई बड़ा नेता बचा है और नही किसी राज्य में सरकार. पार्टी ने इन मुद्दों पर भी गहनता से चर्चा की और आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी रणनीति तय की.
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कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या है कि युवा वर्ग उसके साथ नहीं जुड़ पा रहा है. पार्टी ने अपने नव संकल्प चिंतन शिविर में युवाओं की समस्याएं समझने और उनका हल निकालने के लिए भी चर्चा की. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के साथ-साथ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी श्रीनिवास ने भी तमाम मुद्दे रखे.
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कांग्रेस ने अपने इस चिंतन शिविर से पार्टी नेताओं के बीच कम्युनिकेशन गैप कम करने की कोशिश की. तमाम राज्यों के नेता एक-दूसरे से और शीर्ष नेतृत्व से मिलते-जुलते दिखे. दूर-दराज के राज्यों से आए नेताओं ने राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के अलावा दूसरे नेताओं से भी खूब बातचीत की और फोटो खिंचवाई.
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इस पूरे कार्यक्रम के दौरान सबसे ज्यादा व्यस्त राहुल गांधी ही दिखे. पार्टी के युवा वर्ग से लेकर वरिष्ठ नेताओं तक, महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक, राहुल गांधी ने हर किसी को खूब समय दिया और उनसे चर्चा की. बताया गया कि राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं की बात सुनने और उन्हें कांग्रेस से और अच्छे से जोड़ने के लिए जमकर पसीना बहाया.
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पार्टी की ओर से बनाई गई सभी समितियों ने बीते दो दिन में जमकर चर्चा की. इन चर्चाओं में अलग-अलग राज्यों से आए नेता, पार्टी के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. अब इन सभी समितियों ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है. पार्टी की वर्किंग कमेटी की मीटिंग में इन पर चर्चा होगी, फिर आगे की रणनीति तय की जाएगी.