इस बार बजट सत्र के दौरान पहले 2 दिन दोनों सदनों में शून्यकाल नहीं होगा. बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में 31 जनवरी और 1 फरवरी को शून्यकाल स्थगित रहेगा. राष्ट्रपति के अभिभाषण और आम बजट की प्रस्तुति वजह से यह फैसला किया गया है.
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बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी. 31 जनवरी को राष्ट्रपति सदन के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे. यह सत्र 2 भाग में आयोजित होगा. शून्यकाल के बारे में सारी बातें समझें यहां.
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अब बजट दोपहर में 11 बजे पेश किया जाता है. इससे पहले ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रात भर बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को थोड़ा आराम मिल सके.
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कोरोना महामारी के बीच वित्तमंत्री पेपरलेस बजट पेश करने वाली हैं. यह भारत के इतिहास में दूसरी बार है जब संसद में पेपरलैस बजट पेश होगा.
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शून्यकाल में कार्यवाही के दौरान सवाल पूछे जाते हैं. शून्यकाल भी प्रश्नकाल की तरह ही टाइम सेगमेंट है, जिसमें सांसद अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करते हैं. दोनों सदनों में इसका टाइम अलग-अलग है. लोकसभा में कार्यवाही का पहला घंटा प्रश्नकाल होता है और उसके बाद का वक्त जीरो आवर यानी शून्यकाल होता है.
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राज्यसभा में शून्यकाल से सदन की कार्यवाही की शुरुआत होती है और इसमें बाद प्रश्नकाल होता है. शून्यकाल में सांसद बगैर तय कार्यक्रम के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार व्यक्त करते हैं. लोकसभा में शून्यकाल तब खत्म होता है जब लोकसभा के उस दिन का एजेंडा खत्म नहीं हो जाता.