सरकार ने बजट सत्र (Budget Session) के मुद्दों और विधायी कार्य पर चर्चा के लिए 31 जनवरी को सर्वदलीय बैठक (all-party meeting) बुलाई है. सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक वर्चुअल तरीके से होगी. बजट सत्र उसी दिन सुबह 11 बजे राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा, जिसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण होगा.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. बजट सत्र में मुद्दों और विधायी कार्यों पर चर्चा करने के लिए संसद के दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया जाता है. बैठक दोपहर लगभग तीन बजे वर्चुअल यानी ऑनलाइन होगी.
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सभी दलों के फ्लोर नेताओं की बैठक में सरकार विपक्ष के उन मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिन पर वह सत्र के दौरान चर्चा करना चाहेगी. सरकार उस एजेंडे और विधायी कार्य पर चर्चा करेगी जिसे सत्र के दौरान पेश किया जाएगा.
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बुधवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा कि बजट सत्र का पहला भाग दोनों सदनों में माननीय राष्ट्रपति के संबोधन के साथ 31 जनवरी को शुरू होगा.
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1 फरवरी को, माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी केंद्रीय बजट पेश करेंगी. कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल तय करने के लिए, संसद के दोनों सदन शिफ्ट में काम करेंगे. संसद का बजट सत्र दो भागों में होगा. पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा भाग 14 मार्च से 8 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा. सर्वदलीय बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) संसदीय कार्यकारिणी की बैठक और एनडीए के फ्लोर नेताओं की बैठक होगी.
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सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बिना किसी हंगामे के सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाना है. सरकार विपक्ष से अपील कर सकती है कि विपक्ष सत्र का काम ठीक से चलने दे. संसद के दो मुद्दे लगातार हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं. पेगासस पर चर्चा, अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग समेत कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष सवाल खड़े कर सकता है. सरकार के सामने सत्र चलाने की सबसे बड़ी चुनौती है.