भारत दौरे पर आए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने जाकिर नाइक को भारत भेजने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. इब्राहिम तीन दिन के दौरे पर सोमवार को भारत पहुंचे थे. आपको बता दें कि बतौर प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम का ये पहला भारत दौरा है. इस दौरे में दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है. पीएम इब्राहिम दिल्ली में आयोजित इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के एक कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रहे थे. जब उनसे जाकिर नाइक के प्रत्यार्पण को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर भारत हमे संतोषजनक सबूत प्रदान करेगा, तो हमारी सरकार जरूर इस पर कार्रवाई करेगी. इब्राहिम ने आगे कहा कि जाकिर नाइक की वजह से दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ते में कोई असर नहीं पड़ना चाहिए.
जाकिर नाइक को लेकर क्या बोले मलेशियाई पीएम
पीएम इब्राहिम ने यह स्पष्ट किया कि 'इस मुद्दे को भारत ने नहीं उठाया है, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पहले उठाया था, लेकिन यहां मैं किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि चरमपंथ की बात कर रहा हूं. हमारी सरकार जाकिर नाइक के मामले में पेश किए गए सभी सबूतों का स्वागत करेगी. आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार के साथ हमारा सहयोग जारी है.' जाकिर नायक भारत से साल 2017 में मलेशिया भागकर चला गया था, तब उसे मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने सरकारी संरक्षण भी मुहैया कराया था.
जाकिर नाइक पर हैं गंभीर आरोप
जाकिर नाइक पर भारत में कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं, जिनमें भड़काऊ भाषण, मनी लॉन्ड्रिंग करने और आतंकवाद को समर्थन देने का भी आरोप लगा हुआ है. जाकिर नाइक पर मई 2019 में प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने टेरर फंडिंग के मामले में चार्जशीट दायर की थी. ईडी की जांच में ये सामने आया कि 2003-04 और 2016-17 के बीच जाकिर नाइक को करीब 64 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली थी. अक्टूबर 2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी जाकिर नाइक के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट के मुताबिक जाकिर नाइक पर भड़काऊ भाषण युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे हैं. कुछ युवा आतंकवादी संगठन मे भी शामिल हो रहे हैं. जाकिर नाइक पर कट्टरपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाए गए हैं.
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जाकिर नाइक ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन
1990 में जाकिर नाइक ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन शुरू किया था, जिसे वह एनजीओ कहता है लेकिन इसके जरिए वह फंडिंग प्राप्त करता है. भारत में 2016 में गृह मंत्रालय ने इस फाउंडेशन पर पहली बार प्रतिबंध लगाया था. जिसे इसी साल मार्च में 5 साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. जाकिर नाइक ने अपना एक पीसी टीवी चैनल भी शुरू किया था, जहां भारतीय दर्शकों को केंद्र में रखकर अपना भाषण प्रसारित करता था. उसके भाषण का असर सीधे तौर पर युवाओं पर होता था, जो कट्टरपंथ की दिशा में जा सकते थे.
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