डीएनए हिंदी: यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इसका नतीजा यह हुआ है कि दिल्ली में नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान को पार कर गया है. एक बार फिर से पुराने रेलवे ब्रिज यानी लोहा पुल पर रेलगाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है. खादर के जो इलाके पानी से बाहर आते दिख रहे थे वे एक बार फिर से जलमग्न होते दिख रहे हैं. लोगों को अभी निचले इलाकों में न जाने की सलाह दी जा रही है और निगरानी रखी जा रही है कि अभी वे खादर के अपने घरों में न जाएं. दिल्ली सरकार ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है क्योंकि हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी अगले एक-दो दिन में दिल्ली पहुंच सकता है. दूसरी तरफ, नोएडा और गाजियाबाद में बहने वाली हिंडन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है.
उत्तर रेलवे ने रविवार रात में जारी सूचना में बताया कि यमुना का जलस्तर 206.4 मीटर तक पहुंच गया है. इस वजह से रात के 10 बजकर 15 मिनट से पुराने लोहा पुल पर रेलगाड़ियों के परिचालन को निलंबित किया जा रहा है. सभी ट्रेनों को नई दिल्ली के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और शाहदरा के बीच ट्रेन रूट बंद रहेगा.
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Due to the rise of water level of Yamuna to 206.4 meters now, the working of old Yamuna bridge (Old Loha Pul) is being suspended from 2215 hrs today. The train movement will be diverted via New Delhi. The route between Delhi and Shahdara will be suspended: Northern Railway pic.twitter.com/59iuaM8kY2
— ANI (@ANI) July 23, 2023
अलर्ट हुई दिल्ली सरकार
पिछली बार बाढ़ के कारण हुई फजीहत को दिल्ली सरकार इस बार पहले से ही सतर्क हो गई है. सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है. दिल्ली के बाढ़ सिंचाई मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अलग-अलग इलाकों में कई टीमें तैनात की गई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हथिनी कुंड बैराज से लगभग दो लाख क्यूसेक से भी ज्यादा पानी छोड़ा गया है जिसकी वजह से जलस्तर बढ़ रहा है. उन इलाकों में खास नजर रखी जा रही है जहां पिछली बार पानी भर गया था.
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पिछली बार बाढ़ में डूबे इलाकों के लिए इस बार 60 टीमें तैनात की गई थीं. पिछली बार यमुना नदी का जलस्तर 208 मीटर के ऊपर चला गया था. इसके चलते दिल्ली में पीने के पानी की सप्लाई करने वाले वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला प्लांट को बंद करना पड़ा था. सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इस बार तैयारी कर ली गई है. अगर पानी 209 मीटर तक भी होगा तो ये प्लांट नहीं डूबेंगे.
मौसम विभाग का अनुमान है कि 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होगी. हथिनी कुंड बैराज में पानी के बहाव के बारे में कहा जा रहा है कि इससे दिल्ली में मध्यम दर्जे की बाढ़ आ सकती है. बाद में यही बाढ़ दूसरे मैदानी इलाकों में भी फैल सकती है. पिछली बार भी देखा गया था कि दिल्ली के बाद आगरा और अन्य निचले इलाकों में भी यमुना का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ गया था.
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दिल्ली में फिर बंद हुआ पुराना लोहा पुल, खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना