डीएनए हिंदी: दिल्ली के जंतर मंतर से उठाए गए पहलवानों ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है. पहलवानों ने कहा कि आज शाम 6 बजे वो अपने मेडल को हरिद्वार में गंगा में बहाएंगे. उन्होंने कहा कि 28 मई को जो हमारे साथ हुआ वह पूरी दुनिया ने देखा. हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन पुलिस ने हमारे साथ बर्बरता की और हमारी जगह को तहस नहस कर दिया. पहलवानों ने कहा कि अब इन मेडल का कोई मतलब नहीं रह गया. इन्हें गंगा में बहाने के बाद हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
साक्षी मलिक ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया. जिसमें उन्होंने लिखा, 'पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्या मांगकर कोई अपराध कर दिया है. पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसे व्यवहार कर रही है. जबकि आरोपी खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है. 28 मई को जो हमारे साथ हुए वह सबने देखा. हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है.'
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'मेडल को जान से ज्यादा करते हैं प्यार'
साक्षी मलिक के अलावा विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया भी इस पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है. तीनों पहलवानों ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि इन मेडल को आज शाम 6 बजे हम गंगा में बहाने जा रहे हैं. क्योंकि गंगा को हम सबसे पवित्र मानते हैं, वह हमारी मां है. इन मेडल को हम जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं. लेकिन ये सिस्टम इनकी पवित्रता को खत्म कर रहा है.
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) May 30, 2023
इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन
पहलवानों ने कहा, ' इन मेडल को बहा दिए जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रहेगा. इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे. इंडिया गेट हमारे इन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण का बलिदान दिया. हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी थी.
28 मई को पुलिस ने खत्म करा दिया था धरना
गौरतलब है कि देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था. बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. 28 मई को देश के शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया था. इसके बाद पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के प्रदर्शन स्थल जंतर मंतर से उनके चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल हटा दिया था और जबरन प्रदर्शन को खत्म करा दिया था.
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जंतर मंतर से उठाए गए पहलवानों का बड़ा ऐलान, आज गंगा में बहाएंगे अपने मेडल, फिर करेंगे आमरण अनशन