डीएनए हिंदी: दुनियाभर में 20 जून को World Refugee Day के तौर पर मनाया जाता है. यह दिन उन शरणार्थियों को समर्पित किया गया है जिन्हें उनके घर से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया था. इस दिन का मकसद नए देशों में शरणार्थियों के लिए सहानुभूति और सही सोच का निर्माण करना है. इसलिए इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में जानना और भी जरूरी हो जाता है. अगर आपको इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आज इस मौके पर हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं.
वर्ल्ड रिफ्यूजी डे का इतिहास
दिसंबर साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाने का फैसला लिया था. तब से लेकर हर साल 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र में इसके लिए एक संस्था भी बनाई गई है. इस संस्था का नाम United Nations High Commissioner for Refugees (UNHCR) है. यह संस्था विश्वभर के शरणार्थियों के मदद के लिए काम करती है.
10 करोड़ लोग विस्थापित
UNHCR की साल 2020 की रिपोर्ट में कहा गया था कि यह तय है कि जल्द ही दुनिया में कुल विस्थापित लोगों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ (100 मिलियन) हो जाएगी. बस यह देखना है कि कब तक होता है. मगर इसी साल 2022 की शुरुआत में, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और कुछ अन्य देशों में नए आंतरिक विस्थापन के कारण शरणार्थियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. UNHCR के मुताबिक विस्थापित लोगों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ हो गई है. यानि अब दुनिया में हर 78 व्याक्तियों मे से एक व्याक्ति विस्थापित है.
दुनिया का हर तीसरा विस्थापित शरणार्थी
UNHCR ( United Nations High Commissioner for Refugees ) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 के अंत तक कुल 8.9 करोड़ लोग अपने गृह देश के भीतर या बाहर बलपूर्वक निर्वासन झेलना पड़ा है. इनमें से 5.3 करोड़ आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं और वहीं 2.7 करोड़ लोग घोषित रुप से शरणार्थी (Refugee) का दर्जा पा चुके हैं. इसके अलावा करीब 46 लाख लोग (Asylum Seeker) शरण चाहते हैं.
शरणार्थी किसे कहा जाता है ?
शरणार्थी किसे माना जाए, इसकी भी एक भरी पूरी परिभाषा है. UN ने शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित 1951 के कन्वेंशन के अनुच्छेद 1 में इस शब्द को परिभाषित किया है. एक शरणार्थी वह है जो नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता, या राजनीतिक राय के कारण उसे प्रताड़ित किए जाने के डर के कारण अपने मूल देश में लौटने में असमर्थ या अनिच्छुक हो.
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World Refugee Day 2022: क्यों पड़ी इस दिन की जरूरत, क्या है इसका मतलब ?