डीएनए हिंदी: महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) पर राज्यसभा में चर्चा हो रही. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रावधान है. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद तय किया गया कि संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पर राज्यसभा में चर्चा हो. इस विधेयक पर चर्चा के लिए कुल 7:30 घंटे का समय तय किया गया है.
राज्यसभा में जेपी नड्डा ने राहुल गांधी से पूछा सवाल
महिला आरक्षण बिल पर राज्यसभा में बहस हो रही है. इस दौरान बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूछा है कि 2004 से 2014 तक कितनी ओबीसी सेक्रेटरी बनाए गए थे? राहुल गांधी को बताना चाहिए. नड्डा ने तंज सकते हुए कहा कि जो सिल्वर स्पून के साथ पैदा होते हैं, वो गरीब की तकलीफ क्या जानें. उन्होंने कहा कि लीडर के लीडर की तरह रहना पड़ेगा, ट्यूटर स्टेटमेंट से काम नहीं चलता है. ट्यूटर पर बोलकर निकल जाने से बात नहीं बनेगी. सामने आकर बोलना पड़ेगा. दरअसल राहुल गांधी ने लोकसभा में सवाल उठाया था कि 90 सचिव जो सरकार के चला रहे हैं उनमें से किनती ओबीसी हैं? सिर्फ तीन OBC से आते हैं और 5 प्रतिशत ही बजट कंट्रोल करते हैं.
बता दें कि लोकसभा में बुधवार को करीब 8 घंटे तक चली लंबी बहस के बाद इस महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया. लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक (Nari Shakti Vandan Bill 2023) के नाम से पहचाने जाने वाले इस बिल को सभी सांसदों ने एकतरफा समर्थन दिया और दो तिहाई बहुमत के साथ राज्यसभा के हवाले कर दिया. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने बिल के समर्थन और विरोध के लिए पर्ची के जरिए वोटिंग कराई. जिसमें 454 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में वोट दिए, जबकि 2 वोट विरोध में पड़े.
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लोकसभा में मौजूद रहे ये दिग्गज
विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की. राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया. इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं. कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इस बार ऐसी व्यवस्था की है कि महिलाओं को इस बार इंतजार नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने तकनीकी मुद्दों पर कहा, ‘आप (विपक्ष) चाहते हैं कि यह विधेयक तकनीकी कारणों से फंस जाए, लेकिन हम इस बार इसे फंसने नहीं देंगे.’
उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस विधेयक इसलिए नहीं ला सकी क्योंकि उनकी न नीति थी, न नीयत थी और न नेतृत्व. हमारे पास नीति भी है, नीयत भी और मोदी जी जैसा नेतृत्व भी.’ नारीशक्ति वंदन विधेयक के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.
मेघवाल ने लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा. हालांकि, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसमें ओबीसी को भी शामिल करने की मांग कर रही है.
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'यूपीए के कार्यकाल में कितने OBC सेक्रेटरी रहे?' राहुल से नड्डा का सवाल