डीएनए हिंदी: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) सबसे ज्यादा समय तक इस पद पर रह चुके हैं. उनके प्रधानमंत्री रहते भारत और जापान के रिश्ते बेहद खास मुकाम तक पहुंच गए. पहले से भी भारत और जापान (India-Japan) की दोस्ती अच्छी थी लेकिन शिंजो आबे ने अपने कार्यकाल में इस दोस्ती में चार चांद लगा दिए. यही वजह रही कि भारत ने पिछले साल उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मानों में से एक पद्म विभूषण से सम्मानित किया. भारत में जापान ने कई अहम प्रोजेक्ट चलाए. देश में मेट्रो प्रोजेक्ट में भी जापान का अहम योगदान रहा है.
शिंजो आबे को जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर बनाने, तकनीकी विकास और दूसरे देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए जाना जाता है. अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर भी शिंजो आबे ने शानदार काम किया. यही कारण था कि वह एक के बाद एक करके लगातार छह चुनावों में जीत हासिल कर सके. अपनी विदेश नीति के दम पर शिंजो आबे ने पड़ोस के देशों के साथ संतुलित संबंध रखे तो चीन और अमेरिका जैसी महाशक्तियों के साथ जापान के संबंधों में सुधार का रुख अपनाया.
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भारत के दुलारे रहे शिंजो आबे
शिंजो आबे भारत के लिए बेहद खास नेता थे. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष लेकर साथ खड़ा होना होना हो या संकट के समय भारत की मदद करना हो, शिंजो आबे की अगुवाई में जापान ने हमेशा भारत का साथ दिया. इंडो पैसिफिक क्षेत्र में पार्टनरशिप के साथ, शिंजो आबे भारत और जापान के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले गए. अपने पहले कार्यकाल में भारत का दौरा करने के बाद, शिंजो आबे ने दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा दी.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे की दोस्ती काफी चर्चा में रही. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तबीयत खराब होने पर फोन पर हालचाल जाना. साथ ही, इन दोनों नेताओं ने हमेशा सुनिश्चित किया कि दुनिया को लेकर दोनों नेताओं की राय एक जैसी रहे जिससे दोनों दोस्त देशों के विकास में कहीं कोई रुकावट न आए. शिंज़ो आबे के कार्यकाल के दौरान ही जापान ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश मानने की बात स्वीकार की. 2016 मे भारत और जापान के बीच नागरिक परमाणु समझौते पर दस्तखत किए गए.
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क्यों छोड़ दिया था प्रधानमंत्री पद?
शिंजो आबे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहे. तबीयत खराब रहने की वजह से साल 2020 में शिंजो आबे ने जापान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त कहा गया कि उन्होंने बड़े भारी मन से इस्तीफा दिया. खराब स्वास्थ्य की वजह से शिंजो आबे को जल्दी-जल्दी अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा था. शिंजो आबे की खराब तबीयत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया था. पद छोड़ने से पहले शिंजो आबे ने फोन पर पीएम नरेंद्र मोदी से बात की थी.
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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जापान निभा रहा अहम भूमिका
भारत में पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट महाराष्ट्र की राजधानी और गुजरात के अहमदाबाद के बीच तैयार हो रहा है. यह प्रोजेक्ट जापान के सहयोग से बन रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए भारत और जापान के बीच समझौता हुआ है. ठीक इसी तरह जापान ने भारत में मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू करने में भी अहम भूमिका निभाई थी और बाद में भारत ने खुद से ही मेट्रो का विस्तार किया और नई मेट्रो रेल लाइनों का निर्माण किया.
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Shinzo Abe को क्यों दिया गया था पद्म विभूषण, जानिए भारत से क्या है खास कनेक्शन